संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव ने बाजार के भरोसे को तेज झटका दिया है। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने के बाद बाजार में मुनाफावसूली का दौर शुरू हो सकता है।
बुधवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित इंडेक्स सेंसेक्स 202.45 अंकों की मजबूती के साथ 36,722.41 पर, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 52.15 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 11,060.20 पर खुला। लेकिन संसद में सरकार के खिलाफ बने प्रतिकूल माहौल की वजह से बाजार ने बढ़त गंवाते हुए तेज गोता लगाया।
बैंकिंग और मेटल शेयरों में हुई जमकर मुनाफावसूली के कारण बीएसई का बैंकेक्स 198.64 अंक टूटकर 29,721.01 पर बंद हुआ। बैंकिंग काउंटर पर सबसे ज्यादा नुकसान पीएनबी, फेडरल बैंक, एक्सिस बैंक और बैंक ऑप ब़ड़ौदा के शेयरो में हुआ वहीं मेटल इंडेक्स करीब 400 अंक टूटकर 11,857.27 पर बंद हुआ।
लोकसभा चुनाव से पहले तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के कारण बाजार के लिए पॉलिटिकल ट्रिगर ज्यादा अहम होगा। मार्केट एक्सपर्ट विवेक मित्तल की माने तो बाजार को इस बात का भली-भांति अंदाजा है कि चुनावी साल में उसके लिए इकॉनमिकल ट्रिगर की भूमिका कम प्रभावी होगी।
मित्तल ने कहा, ”बाजार इसे फैक्टर-इन कर चुका है। बाजार को पता है कि चुनावी साल में अक्सर ऐसा होता है।”
उन्होंने कहा कि शॉर्ट टर्म में बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा ”लेकिन सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर लेती है, तो बाजार वापस बाउंस बैक कर सकता है।”
सेक्टर विशेष के प्रभावित होने की आशंका को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा, ‘निवेशकों को इस दौरान प्रो-बीजेपी माने जाने वाले स्टॉक से सावधान रहना चाहिए।’
मार्केट सेंटीमेंट पर बना रहेगा दबाव
गौरतलब है कि नोमुरा अपनी हालिया रिपोर्ट में मौजूदा सरकार के 2019 में फिर से सत्ता में आने को लेकर चिंता जता चुका है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ”2019 का लोकसभा चुनाव इस साल के मध्य तक मार्केट सेंटीमेंट को प्रभावित कर सकता है। बीजेपी को नुकसान और एक अस्थायी गठबंधन का बनना वैल्यूएशन को प्रभावित करेगा।”
भारतीय बाजार ने हाल ही में रिकॉर्ड ऊंचाई के स्तर को पार किया है। ऐसे में क्या मौजूदा राजनीतिक हालात बाजार में करेक्शन की स्थिति पैदा करेंगे।
निष्ठा कंसल्टेंसी के चीफ राजेश शर्मा ने बताया, ‘भारतीय बाजार अपनी ऊंचाई पर हैं और ऐसे में मौजूदा राजनीतिक हालात प्रॉफिट बुकिंग का कारण बन सकते हैं।’
शर्मा ने कहा कि इकॉनमिक ट्रिगर में पॉलिटिकल ट्रिगर भी शामिल होता है लेकिन अगर भारत के संदर्भ में बात की जाए तो इस साल बाजार के लिए राजनीतिक कारण ज्यादा प्रभावी होंगे।
क्या करें निवेशक?
चुनावी साल होने की वजह से सरकार का पूरा ध्यान राजनीति पर होगा और संसद में वैसे भी कोई आर्थिक सुधारों से जुड़ा हुआ अहम बिल लंबित नहीं है। ऐसे में संसदीय स्थिति बाजार के लिए एक हद तक ही प्रभावी होगी।शर्मा के मुताबिक इन हालात में निवेशकों की तरफ से प्रॉफिट बुकिंग जरूर होगी। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में बाजार में पैसा लगाने वाले निवेशकों को सेक्टर विशेष पर ध्यान देने की बजाए स्टॉक विशेष पर ध्यान रखना चाहिए।