थर्मल पॉवर की चिमनी से निकलने वाली हानिकारक सल्फर डाईआक्साइड गैस की मात्रा को कम करने के लिए बिजली कंपनी खंडवा जिले के सिंगाजी थर्मल पॉवर में पहला एफजीडी (फ्लू गैस-डी-सल्फेराइजेशन सिस्टम) लगाने जा रही है। करीब 562 करोड़ की लागत से लगने वाले इस संयंत्र को लगाने का काम जून 2021 से सितम्बर के बीच पूरा होने की संभावना है।
प्रदेश के ताप विद्युत गृहों से निकलने वाली हानिकारक गैस सल्फर डाइ-आक्साइड से पर्यावरण को होने वाले नुकसान और प्रदूषण को रोकने के लिए मध्यप्रदेश विद्युत जनरेशन कंपनी ने सभी ताप विद्युत ग्रहों में एफजीडी लगाने का निर्णय लिया है। यह काम 2025 तक पूरे प्रदेश में किया जाना है जिसकी शुरुआत सिंगाजी थर्मल पॉवर में शुरू होने वाली 660-660 मेगावॉट की यूनिट क्रमांक 3 व 4 से हो रही है।
इससे पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर होने वाले नुकसान पर रोक लगेगी। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 7 दिसंबर 2015 को जारी अधिसूचना में ताप विद्युत गृहों को सल्फर डाइ-आक्साइड के उत्सर्जन को निर्धारित मापदंड 100 एमजी/एनएम के भीतर रखने के निर्देश दिए हैं।
जुलाई से आरंभ होंगी दोनों परियोजना
पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खंडवा की दूसरे चरण की 660-660 मेगावाट स्थापित क्षमता की इकाई क्रमांक तीन व चार क्रमश: इस वर्ष जुलाई एवं अक्टूबर माह में आरंभ की जाएंगी।
एफजीडी के लिए ग्लोबल टेंडर जारी
उक्त दोनों इकाइयों में फ्लू गैस डी-सल्फेराइजेशन सिस्टम (एफजीडी) की स्थापना के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया गया है। टेंडर की अनुमानित लागत लगभग 562 करोड़ रुपए है। ट्रेक्टबेल इंजीनियरिंग को इस कार्य के लिए परियोजना सलाहकार नियुक्त किया गया है।
दूसरे ताप विद्युत गृहों में भी लगेगी
पावर जनेरटिंग कंपनी के संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंगपुर, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी, अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई एवं श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह खंडवा के प्रथम चरण में निर्मित इकाई क्रमांक एक व दो में भी फ्लू गैस डी-सल्फेराइजेशन सिस्ट्म स्थापित किए जाएंगे।