लखनऊ। प्रदेश भर में मानसून की दस्तक के साथ ही बुखार के मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। अस्पतालों में बुखार से पीडि़त मरीजों की लंबी कतारें ओपीडी के बाहर नजर आने लगी हैं। पूर्वांचल में करीब 20 साल से मौत का पर्याय बने इंसेफ्लाइटिस का खौफ लोगों की आंखों में नजर आने लगा है। इस बीमारी से होने वाली सबसे अधिक मौतें तराई क्षेत्रों में ही हुई हैं। इसलिए अस्पतालों में आने वाले बुखार के मरीजों की पूरी जांच के बाद ही दवा दी जाती है। हाल ही में महोबा जिले में बुखार से पीडि़त दो मरीजों की मौत हो गई। ऐसे में बुखार को लेकर लोगों में डर पैदा हो गया है, डेंगू , मलेरिया, वॉयरल हो या टॉयफायड बुखार को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। चिकित्सकों की तरफ से मरीजों को खून की जांच करवाने और विशेषज्ञ से परामर्श के बाद ही दवा लेने की सलाह दी जा रही है। राजधानी में बुखार लोगों को अपनी चपेट में लेता जा रहा है। जिसके चलते अस्पतालों में सबसे ज्यादा मरीज बुखार के आ रहे हैं। अस्पताल में आने वाले मरीजों में ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। लोहिया ,सिविल,बलरामपुर, भाउराव देवरस और जिले की तमाम सीएचसी और पीएसची की ओपीडी में रोजाना हजारों की संख्या में मरीज आते हैं। इनमें बुखार के मरीजों की संख्या सबसे अधिक बताई जा रही है। चिकित्सकों का कहना है कि इस समय मौसमी बीमारियों का सीजन चल रहा है। उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी बुखार से पीडि़त मरीजों की भरमार है। अभी दो दिन पहले महोबा में एक आदमी तथा एक औरत की बुखार की वजह से मौत हो गयी। वहीं कानपुर निवासी राजेन्द्र शाहू ने बुखार आने पर झोला छाप डाक्टर से दवा ली थी । दवा लेने के बाद राजेन्द्र शाहू की हालत और बिगड़ गयी। उनका प्लेटलेट्स काउंट बहुत कम हो गया। परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया। उनको तीन यूनिट ब्लड तथा प्लेटलेट्स चढ़ायी जा चुकी है। इसके बाद भी उनकी स्थिति गम्भीर बनी हुई है। इसके अलावा गोरखपुर तथा सिद्घार्थनगर में जापानी इंसेफ्लाइटिस की चपेट में दर्जनों बच्चे हैं। वहीं लखनऊ शहर तथा उसके आस-पास के गांव में 500 से ज्यादा लोग बुखार की जद में आ गए हैं। बुखार से पीडि़त लोगों का कहना है कि ठंड लगकर तेज बुखार आ रहा है। कई मरीजों को बुखार के साथ उल्टी भी हुयी हैं। हालात ये हैं कि लोगों में बुखार को लेकर डर व्याप्त हो गया है। काकोरी, बीकेटी, नगराम, रहीमाबाद, मोहनलालगंज समेत अन्य इलाकों के दर्जनों गांव में बुखार का प्रकोप फैला है। हर घर में दो से तीन सदस्य बुखार की चपेट में हैं। चिकित्सक भी इस मौसम में बुखार को हल्के में नहीं ले रहे है। डॉ.राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ओंकार यादव ने बताया है कि अस्पताल आने वाले ज्यादातर लोगों में बुखार से पीडि़त बच्चे आ रहे हैं। इस समय जो गरम सर्द का मौसम है, उससे बच्चों को बचने की जरूरत है। बरसात के दिनों में लोगों को बीमारी से बचने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि हम थोड़ा सा ध्यान दें, तो परेशानी से बच सकते हैं। इस समय जिस तरह से मौसम बदल रहा है तथा गन्दगी के चलते जगह-जगह मच्छर पनप रहे हैं। उससे ज्यादा लोग बुखार की चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोहिया अस्पताल में रोजाना 1000 के लगभग मरीज ऐसे मरीज आ रहे हैं जो बुखार की चपेट में है।