उत्तर प्रदेश में मेरठ में 55 साल का बुजुर्ग अपनी बेटी समान 13 साल की किशोरी से डरा धमकाकर दुष्कर्म करता रहा। वह चार माह की गर्भवती हुई तो परिजनों को इसका पता चला। परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया।इतना सब कुछ सहने के बाद भी किशोरी ने अपने गर्भ में पल रहे मासूम को सुरक्षित रखा। 20 जुलाई को उसने बेटे को जन्म दिया। कुंवारी किशोरी मां बन गई तो परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया।
बूढ़े ने बनाया नाबालिग को माँ
अब ये परिवार समाज से सवाल कर रहा है कि वह बेटी की औलाद को किसका नाम दे। समाज को शर्मसार करने वाली इस घटना के बाद पुलिस ने केस को मजबूत करने के लिए आरोपी का ब्लड सैंपल डीएनए जांच के लिए भेजा है।
मामला लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र का है। एक मोहल्ले की 13 साल की किशोरी से उसका पड़ोसी 55 साल का बुजुर्ग अनीस डरा धमकाकर कई महीनों से दुराचार कर रहा था। मार्च 2016 में किशोरी की तबियत खराब रहने लगी। परिजनों ने उसे डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि वह गर्भवती है। इसके बाद यह मामला खुला। इसके बाद किशोरी ने परिजनों को आपबीती सुनाई।
‘हमने क्या बिगाड़ा था उस जालिम का’
परिजनों ने 21 मार्च को आरोपी अनीस के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई। 30 मार्च को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जो अभी जेल में ही है।
13 साल की कुंवारी बेटी के मां बनने पर उसका परिवार बुरी तरह टूट गया है। परिजनों का बुरा हाल है। पिता बार-बार आरोपी को कोसते हुए कह रहा है कि उस जालिम ने हमारे परिवार को कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा। उसे अपनी बेटी समान बच्ची के साथ यह नीच हरकत करते हुए शर्म तक नहीं आई।
अब रिश्ते नातेदार क्या कहेंगे? समाज क्या कहेगा? अब बेटी को कौन अपनाएगा ? वह इस औलाद को किसका नाम दें।
किशोरी का पिता भले ही खुद को अपमानित महसूस कर रहा हो। लेकिन पूरा मोहल्ला और समाज बेटी के साथ हुई ज्यादती पर पीड़ित परिवार के साथ है।
लोगों ने की सख्त सजा देने की मांग
पूरे मोहल्ले के अलावा आसपास तक के इलाके में इस प्रकरण की चर्चा है और लोग आरोपी को कोस रहे हैं। उनका कहना है कि पिता की उम्र के इंसान ने जिस वहशी घटना को अंजाम दिया है, कानून को भी उसके साथ कोई रहम नहीं करना चाहिए। उसे सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए।
मामले पर लिसाड़ी गेटर के एसओ रवेंद्र यादव ने कहा है कि आरोपी जेल में है। कोर्ट से अनुमति के बाद उसका ब्लड सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट को भेजा गया है। जिससे यह कंफर्म होगा कि किशोरी द्वारा जन्मा बच्चा आरोपी का है या नहीं। पुलिस का प्रयास है कि आरोपी को मजबूत साक्ष्यों के आधार पर सख्त सजा दिलाई जाए।