न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पदोन्नति कर शीर्ष न्यायालय में भेजे जाने के विषय पर पुनर्विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की बैठक शुक्रवार (11 मई) को दोपहर करीब 1 बजे होने की संभावना है. कॉलेजियम ने उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश के. एम. जोसेफ को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर प्रोन्नत करने की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने बीते 26 अप्रैल को वापस कर दिया. इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने बीते 2 मई को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ पर अपना फैसला टाल दिया था. सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम को पुनर्विचार के लिए कॉलेजियम को वापस लौटा दिया था.
केंद्र सरकार ने कहा था कि न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम को खारिज करने के फैसले का पिछले वर्ष उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन रद्द करने के उनके फैसले से कुछ लेना-देना नहीं है. इस फैसले को टालने का निर्णय प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन.बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ के कॉलेजियम ने 45 मिनट की बैठक में लिया.
न्यायमूति चेलमेश्वर ने की जोसेफ को शीर्ष अदालत का जज बनाने की मांग
वहीं दूसरी ओर सर्वोच्च न्यायालय से विदा होने को महज छह कार्य दिवस शेष रह जाने से पहले न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के.एम. जोसेफ को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में प्रोन्नति प्रदान करने के लिए कॉलेजियम की ओर से सर्वसम्मति से 10 जनवरी को की गई सिफारिश की पुनरावृत्ति की मांग की. चेलमेश्वर कॉलेजियम के सदस्य हैं और वह 22 जून को शीर्ष अदालत से अवकाश ग्रहण कर रहे हैं.
अगले सप्ताहांत से छह सप्ताह के ग्रीष्मावकाश से पहले सर्वोच्च न्यायालय के लिए अब सिर्फ छह कार्य दिवस बच गए हैं. न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने बुधवार (9 मई) को लिखे अपने पत्र में प्रधान न्यायाधीश मिश्रा से आग्रह किया है कि 10 जनवरी की सिफारिश की पुनरावृत्ति शीघ्र की जानी चाहिए और सरकार के पास दोबारा सिफारिश भेजी जानी चाहिए.