जनरल रावत ने कहा कि मैं कश्मीरी युवाओं से कहना चाहता हूं कि आजादी मिलना संभव नहीं है। ऐसा कुछ होने वाला नहीं है। बेवजह उस रास्ते पर ना जाएं। आखिर आप क्यों हथियार उठा रहे हैं? हम हमेशा उन लोगों से लड़ते रहेंगे जो आजादी चाहते हैं और जो अलग होना चाहते हैं। आजादी कभी मिलने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि वह भारतीय सेना द्वारा एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों की संख्या को ज्यादा से ज्यादा महत्व नहीं देते हैं।
बिपिन रावत ने कहा कि यह संख्या मेरे लिए कोई मायने नहीं रखती है क्योंकि मैं जानता हूं कि यह जारी रहेगा। मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि यह सब व्यर्थ है। आप कुछ भी हासिल नहीं कर पाएंगे। आप सेना से नहीं लड़ सकते। उन्होंने कहा कि वह इन हत्याओं से परेशान हैं। हमें इसमें कोई मजा नहीं आता है लेकिन अगर आप हमसे लड़ना चाहते हैं तो हम भी पूरी ताकत से लड़ेंगे।
जनरल रावत ने कहा कि कश्मीरियों को यह समझना पड़ेगा कि सुरक्षाबल इतने क्रूर नहीं हैं। आप सीरिया और पाकिस्तान को देखिए। वह इस तरह की परिस्थितियों में टैंक और हवाई शक्तियों का इस्तेमाल करते हैं। विशाल उत्तेजना के बावजूद हमारी सेना किसी भी नागरिक की मौत होने से बचने के लिए अपने स्तर का सर्वोत्तम प्रयास कर रही है। सेना प्रमुख ने कहा कि मैं जानता हूं कि युवाओं में गुस्सा है लेकिन सुरक्षाबलों पर हमला करना, पत्थर फेंकना सही तरीका नहीं है।