पिछले दिनों सामने आए बैंकों के घोटालों में सीए और सीएस की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी. सम्भवतः इसीलिए बाजार नियामक संस्था सेबी अब सीए और सीएस पर शिकंजा कसने जा रही है.सूचीबद्ध कंपनियों के साथ अपने कामकाज में किसी भी तरह की गड़बड़ी अथवा लापरवाही बरतने पर चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए), कंपनी सचिवों (सीएस) और मूल्यांककों पर जुर्माना लगाया जाएगा. यही नहीं कंपनी से उनकी फीस को भी नियामक जब्त करने के मूड में है.
इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेबी ऐसी धोखाधड़ी पर नजर रखने के लिए अपने निगरानी तंत्र का विस्तार देते हुए प्रतिभूति बाजार में विश्वास बढ़ाने के लिए नए नियमन लाने पर विचार कर रहा है.पी.एन.बी., फोर्टिस जैसे ताज़ा मामलों में आडिटरों व मूल्यांककों की भूमिका पर सवाल उठे हैं. इसके पहले सत्यम व किंगफिशर के मामलों में भी ऐसा ही हुआ था.
आपको बता दें कि सेबी घोटालों पर लगाने के लिए निगरानी बढ़ाते हुए चार्टर्ड एकाउंटेंटों, कंपनी सचिवों, लागत एकाउंटेंटो, मूल्यांककों की जिम्मेदारी तय करेगा.वे प्रतिभूति नियमों का पालन करें तथा शेयरधारकों के हितों में काम करें. इसका उल्लंघन करने पर सेबी उनकी गलत कार्यों से प्राप्त संपत्ति, फीस को डिफाल्ट की तिथि से उस पर 12 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ पूरी राशि वसूल करेगी.