उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को यूपीकोका बिल पेश करने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई अन्य प्रस्ताव भी रखे। इनमें से प्रमुख हैं-
– विधायक निधि डेढ़ करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये की गई।
– विधायक निधि को जीएसटी से मुक्त रखा जाएगा।
– हर विधानसभा क्षेत्र में 100 हैंडपंप लगाए जाएंगे।
– शहरों में हैंडपंपों के स्थान पर समरसिबल लगाए जाएंगे।
– ई- टेंडरिंग की सीमा एक लाख से बढ़ाकर 5 लाख की गई।
– विधानसभा के कर्मचारियों के लिए विधानसभा प्रोत्साहन राशि 8500 से बढ़ाकर 9500 रुपये की गई।
विधानसभा में विपक्ष के नेता सुरेश श्रीवास्तव ने मांग रखी कि विधायकों को प्लॉट और आवास दिया जाए। इस पर सीएम योगी ने कहा कि हम लोगों को स्वयं की सुविधाओं के लिए मांग नहीं रखनी चाहिए क्योंकि उस पर टिप्पणी होती है।
सीएम ने कहा कि 2022 तक हर गरीब को छत मुहैया कराने का हमारा लक्ष्य है, पहले हमें उनकी सुविधाओं पर ध्यान देना है। योगी ने कहा कि सभी विधायकों के पास तो आवास है फिर ऐसी मांग करना सही नहीं।
नेता प्रतिपक्ष ने तो विकास से वैराग्य ले रखा है
सीएम ने आगे ये कहा कि हां हम विधायक निधि बढ़ाने पर जरूर विचार कर रहे हैं। इसे डेढ़ करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ किया जाएगा। बसपा के नेताओं ने इस राशि को और बढ़ाने की मांग की। वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने जब कुछ भी नहीं कहा तो सीएम ने रामगोविंद चौधरी पर तंज कसा कि नेता प्रतिपक्ष ने तो विकास से वैराग्य ले रखा है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधायक निधि में संशोधन की जरूरत है। एक ही नाम पर 10 जगह से पैसा आता है। इसलिए अब इसमें कुछ बदलाव किए जाने चाहिए ताकि पैसे का सही उपयोग हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं भी कोई शिलान्यास हो या फिर लोकार्पण हो, उस पट पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि (विधायक) का नाम अवश्य होना चाहिए।
उन्होंने आह्वान किया कि जिले में जब भी किसी भी कार्यक्रम का उद्घाटन करने सत्ता पक्ष का कोई भी मंत्री या सासंद पहुंचे तो भी उस क्षेत्र के विधायक वहां कार्यक्रम में जरूर आएं। जिला प्रशासन द्वारा कराए जाने वाले कार्यक्रमों में भी लोकार्पण और शिलान्यास विधायक ही करें। जनता के प्रति जवाबदेह हैं जनप्रतिनिधि।