कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को संसद भवन के परिसर में स्थित शहीद-ए-आजम भगत सिंह की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए. उन्होंने शहीदी दिवस पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को याद किया. देश के इन तीनों सपूतों की शुक्रवार को 87वीं पुण्यतिथि है. देश की आजादी की लड़ाई के लिए भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने 23 मार्च 1931 को हंसते हंसते प्राणों का बलिदान किया था. तभी से हर साल 23 मार्च को देश में शहीदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है. 
राहुल के साथ कांग्रेस के सांसदों ने भी भगत सिंह की प्रतिमा को नमन किया. इससे पहले राहुल ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास अपनी पार्टी के सांसदों के साथ एससी/एसटी एक्ट के प्रावधानों को कथित तौर पर हल्का बनाए जाने के विरोध में धरना दिया.
भगत सिंह की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद राहुल लोकसभा पहुंचे. हंगामे की वजह से लोकसभा की बैठक स्थगित होने के बाद राहुल पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ विचार विमर्श करते दिखे.
वहीं दिल्ली विधानसभा में भी शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि दी गई. दिल्ली विधानसभा परिसर में मौजूद तीनों शहीदों की प्रतिमाओं को माल्यार्पण किया गया और फिर फूल चढ़ा कर तीनों शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल, विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता समेत दिल्ली सरकार के तमाम विधायक मौजूद थे.
इस मौके पर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि शहीद भगत सिंह के जीवन से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए और देश को आगे बढ़ाने वाले विचारों को सहेज कर आगे बढ़ना चाहिए . बता दें कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी पहुंचना था, लेकिन वह केंद्रीय मंत्री के साथ हो रही बैठक के चलते नहीं आ पाए.
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