मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने गुरुवार को 45 दिनों तक चले आपातकाल को हटा लिया है। पिछले महीने विपक्षी नेताओं की रिहाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजनीतिक उथल-पुथल मचने पर आपातकाल की घोषणा की गई थी।
यामीन के कार्यालय ने बताया कि देश में सामान्य स्थिति कायम होने बाद इसे हटाया गया। उसने कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा को अब भी थोड़ा खतरा है, फिर भी सुरक्षा सेवाओं की सलाह पर सामान्य हालात बनाने के प्रयास के तहत राष्ट्रपति ने आपातकाल हटाने का फैसला किया।’ यामीन ने पांच फरवरी को 15 दिनों के लिए आपातकाल की घोषणा की थी। बाद में उसे और 30 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया।
आपातकाल लागू होने के बाद विपक्षी नेताओं, सुप्रीम कोर्ट के जजों और अन्य कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। भारत समेत कई देशों ने मालदीव में आपातकाल लगाने की निंदा की थी और यामीन से इसे वापस लेने की मांग की थी।
मुकदमा चलने तक जेल में रहेंगे गयूम
मालदीव के कोर्ट ने देश के पूर्व तानाशाह ममून अब्दुल गयूम और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद के खिलाफ मुकदमा चलने तक उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया है। आतंकवाद के आरोप में उन पर मुकदमा चल रहा है। कोर्ट ने बुधवार को गयूम और सईद के मुकदमे में पहली सुनवाई के दौरान ये आदेश दिए। सरकार ने कुल नौ लोगों पर आतंकवाद का आरोप लगाया है।
इनमें इन दोनों के अलावा सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य जज, एक न्यायिक अधिकारी और गयूम के बेटे समेत चार सांसद शामिल हैं। पिछले महीने आपातकाल लागू होने के बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया था। चीफ जस्टिस सईद, जस्टिस अली और एक न्यायिक अधिकारी पर सरकार गिराने के लिए घूस लेने का आरोप भी लगाया गया है।
भ्रष्टाचार मामलों की जांच जारी रहेगी
मालदीव पुलिस सेवा हालांकि अब भी संवैधानिक संकट से संबंधित भ्रष्टाचार और अन्य अपराधों की जांच जारी रखेगी। इस बारे में अभियोजक जनरल ने 20 मार्च 2018 को एक बयान जारी किया था जिसके तहत मालदीव पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से 5 फरवरी 2018 को मालदीव के राष्ट्रपति द्वारा देश में आपातकाल घोषित किया गया था। संसद में 20 फरवरी 2018 को इसे 30 फरवरी की अवधि तक के लिए विस्तारित किया गया था। लेकिन 26 फरवरी 2018 को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद इसकी अवधि कुछ और समय के लिए बढ़ा दी गई थी।