गौरतलब है कि तत्कालीन सपा सरकार में संचालित कन्या विद्या धन योजना में मदरसा छात्राओं को शामिल किए जाने के बाद मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए वर्ष 2016 में 83 हजार छात्राओं का इजाफा हुआ। उसी साल फर्जी आवेदनों व नकल पर शिकंजा कसने के लिए परीक्षा कार्यक्रम को ऑनलाइन कर दिया गया।
मदरसा प्रबंधन के विरोध के बावजूद बोर्ड ने राजकीय इंटर कालेजों को परीक्षा केंद्र बनाया। नतीजतन प्रदेश भर में लगभग 45 फीसदी परीक्षार्थियों ने परीक्षाएं छोड़ दी। मात्र 3.15 लाख अभ्यर्थी ही परीक्षा में शामिल हुए।
बोर्ड की सख्ती का असर वर्ष 2017 में दिखा, आवेदन करीब 50 हजार कम हो गए। कुल 3.71 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, इनमें 1.95 लाख छात्राएं शामिल थीं।
कुल आवेदन : 2,95,825
छात्र : 1,56,562
छात्राएं : 1,39,239
संस्थागत : 2,10,525
प्राइवेट : 85,300