श्रीलंका में निदहास ट्रॉफी के दौरान टी-20 ट्राई सीरीज मैच में हुई नोकझोंक और बाद में ड्रेसिंग रूम में तोड़फोड़ का मामला तूल पकड़ सकता है. इसमें दोषी के खिलाफ ICC के नियमों के तहत कार्रवाई भी हो सकती है. अनुशासनहीनता के मामलों में मैच फीस काटने से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई का प्रावधान है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक मैच रेफरी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं. हालांकि अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि कोलंबो के ड्रेसिंग रूम में तोड़फोड़ की घटना के पीछे किसका हाथ था? वैसे कुछ रिपोर्ट्स में इसके पीछे किसी बांग्लादेशी क्रिकेटर का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है.
बता दें कि शुक्रवार की रात आर. प्रेमदासा स्टेडियम में मैच के बाद एक फैसले को लेकर पहले मैदान के अंदर विवाद हुई और फिर बाद में बांग्लादेशी ड्रेसिंग रूम में शीशा तोड़ने की घटना सामने आई. इसकी शिकायत हुई है. खबरों की मानें, तो ग्राउंड स्टाफ को सीसीटीवी फुटेज की जांच कर यह हरकत करने वाले शख्स का पता लगाने के निर्देश मिले हैं. मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने खुद फुटेज देखा है. उन्होंने ग्राउंड स्टाफ को यह पता लगाने को भी कहा कि इसके पीछे कौन है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जा सकती है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश टीम मैनेजमेंट ने नुकसान की भरपाई का प्रस्ताव भी दिया है.
दरअसल, निदहास ट्रॉफी के बांग्लादेश-श्रीलंका के बीच आखिरी राउंड रॉबिन मुकाबले के दौरान अंतिम ओवर में विवाद हो गया. विवाद की शुरुआत तब हुई जब बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन अचानक अपने खिलाड़ियों को वापस पवेलियन बुलाने लगे. इस दौरान मैदान पर बांग्लादेशी और श्रीलंकाई क्रिकेटरों के बीच गर्मागर्म बहस भी हुई. श्रीलंकाई खिलाड़ियों का कहना था कि आखिरी ओवर की शुरुआती दोनों गेंदें कंधे से ऊपर थीं और फील्ड अंपायर ने नो-बॉल नहीं दिया .बाद में कमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर ने कहा कि गेंद जरूर कंधे से ऊपर थी, लेकिन बल्लेबाज के हेलमेट से नीचे होकर निकली.
आखिरकार पांच मिनट तक चले इस घटनाक्रम को खत्म करने में अहम भूमिका बांग्लादेश के टीम मैनेजर खालिद महमूद ने निभाई. उनके समझाने के बाद शाकिब ने अपने खिलाड़ियों को खेलने के लिए भेजा. अगर बांग्लादेशी बल्लेबाज बैटिंग के लिए नहीं जाते, तो टीम को टूर्नामेंट से डिस्क्वालिफाई कर दिया जाता और श्रीलंका फाइनल में पहुंच जाता.