महंगाई बढ़ने के आसार, इस साल 4.7 फीसदी पर बनी रह सकती है महंगाई दर

अगले कुछ महीनों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई में बढ़ोतरी की संभावना है। वित्त वर्ष 2018-19 में महंगाई दर औसत 4.7 फीसदी पर बनी रह सकती है, जिससे कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) नीतिगत दर को यथावत रखेगा। महंगाई बढ़ने के आसार, इस साल 4.7 फीसदी पर बनी रह सकती है महंगाई दर

 

स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में हेडलाइन सीपीआई इन्फ्लेशन औसत 4.7 फीसदी के आसपास रह सकती है, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 3.6 फीसदी का आकलन था।

यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया की अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन द्वारा लिखी गई रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे हिसाब से, हमें अभी भी उम्मीद है कि मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) वित्त वर्ष 2018-19 में नीतिगत दर को यथावत रखेगी। जैन ने हालांकि उल्लेख किया है कि बृहद आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अगले 12 महीनों के दौरान नीतिगत दर में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की जा सकती है।

अगले 12 महीनों में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी संभव

रिपोर्ट के मुताबिक, सीपीआई आधारित महंगाई के आकलन के अहम जोखिमों में उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), आगे कच्चे तेल की कीमत में और मजबूती तथा 2019 के आम चुनाव में लोकलुभावनवादी खर्च शामिल हैं।

जैन ने कहा कि अगर ये जोखिम मूर्त रूप धारण करते  हैं, तो बृहद आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अगले 12 महीनों में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी को हम खारिज नहीं करते। 

केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, सस्ते खाद्य पदार्थों तथा ईंधन की कीमतें कम होने की वजह से फरवरी में सीपीआई आधारित खुदरा महंगाई दर चार महीने के निम्नतम स्तर 4.44 फीसदी पर रही। जनवरी में खुदरा महंगाई दर 5.07 फीसदी रही थी। वहीं, फरवरी 2017 में यह आंकड़ा 3.65 फीसदी था।

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