छात्रा से मकान मालिकों ने किराए के तौर पर कर दी ऐसी डिमांड, सुनकर नहीं हुआ यकीन

छात्रा से मकान मालिकों ने किराए के तौर पर कर दी ऐसी डिमांड, सुनकर नहीं हुआ यकीन

‘खाना बनाने, सफाई करने और हफ्ते में एक या दो बार ओरल सेक्स के बदले छत की पेशकश। हां, मुझे इन सब चीजों के बदले सेक्स की मांग की जा रही थी।’ लंदन में वो एक शुक्रवार की शाम थी। 25 साल का एक शख्स मेरे सामने बैठा था। उसने अपना बेडरूम शेयर करने की पेशकश की और वो भी बिना किसी किराये के लेकिन एक शर्त थी। मुझे इस आसरे के लिए उसके साथ नियमित रूप से सेक्स करना था।छात्रा से मकान मालिकों ने किराए के तौर पर कर दी ऐसी डिमांड, सुनकर नहीं हुआ यकीन

 

लंदन में ‘रेंट फॉर सेक्स’ का रैकेट चल रहा था जिसमें कुछ मकान मालिक किरायदारों से ‘मुफ्त’ आवास के बदले सेक्स की डिमांड कर रहे थे। बीबीसी थ्री की डॉक्यूमेंट्री के लिए मुझे ये पड़ताल करनी थी कि ये रैकेट किस पैमाने पर चल रहा है और इस सिलसिले में मैं एक अंडरकवर ऑपरेशन पर गई। 

जिस शख्स से मैं रूबरू थी, उसके लिए मैं 24 साल की नर्सिंग स्टूडेंट थी जिसके पास रहने के लिए कोई छत नहीं थी। वो लंदन के जिस घर में रहता था, वहां और लोग भी उसके साथ रहते थे लेकिन फिर भी उसने कहा कि बाकी लोगों से कोई दिक्कत नहीं होगी, बस हमें ये कहना होगा कि मैं उसकी गर्लफ्रेंड हूं।

जब मैंने हिचकिचाहट दिखाई तो उसने मुझे कन्विंस करने की कोशिश की। उस शख्स ने कहा, ‘ऑनलाइन रूम ऑफर करने वाले अधेड़ लोगों से मैं बेहतर विकल्प हूं।’ उसने कहा, ‘बहुत मजा आएगा मेरा यकीन करो…’

 

रेंट फॉर सेक्स
इस शहर में वो कोई अकेला शख्स नहीं था जो ‘रेंट फॉर सेक्स’ का ऑफर कर रहा था। मैंने एक लोकप्रिय क्लासीफाइड विज्ञापनों वाली वेबसाइट भी खंगाली। दर्जनों ऐसे विज्ञापन झट से सामने आ गए जो ‘एडल्ट अरेंजमेंट्स’ के बदले कमरे की पेशकश कर रहे थे। ऐसे विज्ञापनों का दायरा पूरे ब्रिटेन में फैला था, ब्राइटन से एडिनबरा तक, बड़े शहरों से लेकर छोटे शहर तक।

मैंने इन विज्ञापनों के प्रति दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी। कुछ ही मिनट बीते थे कि एक जवाब आया जिसमें साफ तौर पर सेक्स के लिए इशारा था। एक लैंडलॉर्ड ने फौरन मेरी बॉडी और मेरी ब्रॉ का साइज पूछा। एक दूसरे शख्स ने कहा कि जब तक आप इस ‘एडल्ट अरेंजमेंट’ के लिए खुशी से तैयार नहीं हो जातीं, हम व्हॉट्सऐप पर बात जारी रह सकते हैं।

मैंने ऐसे कई मकानमालिकों से मिलने का समय लिया और मैं चौंक गई, जिन लोगों से मिल रही थी, उनमें हर उम्र के और अलग-अलग बैकग्राउंड्स के लोग थे। एक व्यक्ति केवल 24 साल का था, दूसरा मुझे अपनी बेटी का कमरा देने की पेशकश कर रहा था, उसकी बेटी यूनिवर्सिटी में पढ़ रही थी।

तीसरे ने कहा कि मैं उस केबिन में रह सकती हूं जो उसके बंगले के पीछे वाले गार्डेन में है। शर्त यही थी कि बदले में मुझे उनके साथ सेक्स करना पड़ता। मैं जिन लैंडलॉर्ड्स से मिली, उनमें ज्यादातर अकेले रहने वाले लोग थे लेकिन लंदन में एक शख्स ने कहा कि उसके घर में और लोग भी रहते हैं और मुझे खुद को उसकी गर्लफ्रेंड बताना होगा।

 
बिजनेस ट्रांजैक्शन
स्कॉटलैंड में मैं जिस लड़के से मिली थी, उसकी उम्र कोई 24 साल थी। वह हर दूसरे दिन सेक्स या ऐसा ही कुछ करना चाहता था लेकिन सेक्स में इमोशन वाली बात से वो इत्तेफाक नहीं रखता था। उसने कहा, ‘मैं इसे बिजनेस ट्रांजैक्शन के तौर पर देख रहा हूं।’

मैं इन लोगों के सामने खुद को एक लाचार लड़की के तौर पर पेश कर रही थी जिसके पास पैसे नहीं थे और रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं था। मैं हैरत में थी कि ये मकान मालिक किस बेशर्मी से मुझे रहने के लिए जगह देने के एवज में अपने साथ सोने के लिए कह रहे थे।

उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं थी कि जिस चीज के लिए वो मुझसे कह रहे हैं, उसका मुझ पर क्या असर पड़ेगा। हकीकत तो ये थे कि ज्यादातर लैंडलॉर्ड्स में इस बात का भी एहसास नहीं दिख रहा था कि वे कुछ गलत कर रहे हैं। उन्हें ये बात समझ में नहीं आ रही थी कि ‘रेंट फॉर सेक्स’ वाले विज्ञापन अवैध हो सकते हैं। किसी घर में कमरा देने के एवज में सेक्स की मांग वेश्यावृत्ति के लिए प्रोत्साहित करना करार दिया जा सकता है। इंग्लैंड और वेल्स में इसके लिए सात साल की सजा का प्रावधान है।

जब मैंने इन मकान मालिकों से मुलाकात के बाद उन्हें बीबीसी थ्री की इस पड़ताल के बारे में लिखा और उनसे उनका पक्ष जानना चाहा तो केवल दो ही लोगों ने जवाब दिया। एक ने जवाब दिया कि वो रजामंदी से सेक्स के लिए सहमति चाह रहा था और उसने कोई गलत काम नहीं किया है। एक ही बिस्तर पर सोना 

दूसरे शख्स ने कहा कि वो केवल काउच-सर्फिंग (घर में साथ रहने) के लिए कह रहे थे जिसमें वो मुझे अपने सोफे पर मुफ्त में रहने के लिए इजाजत देने वाला था लेकिन सच यही है कि जो लोग इन विज्ञापनों के जाल में फंस रहे हैं, उनकी स्थिति खराब है, उनके पास रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं है।

मैं एक ऐसी लड़की से मिली जिसने ‘रेंट फॉर सेक्स’ का सहारा लिया था। तब वो 20 बरस की थी। जब तक वो उस घर में गई नहीं थी तब तक उसे एहसास नहीं था कि उसने कैसा सौदा किया है जिसमें उसे लैंडलॉर्ड के साथ एक ही बिस्तर पर सोना था। उसने लैंडलॉर्ड से कहा भी कि वो उसके साथ नहीं सोना चाहती लेकिन इसके बावजूद वो उसे छूने की लगातार कोशिश करता रहा। उस लड़की ने मुझे बताया, ‘लैंडलॉर्ड ने मेरे साथ जबरदस्ती नहीं की, इसलिए मैं उसकी एहसानमंद हूं।’

उस लैंडलॉर्ड से मिलने से पहले तक वो बेघर थी, दोबारा बेघर होने के डर की वजह से वो लंबे समय तक उस मकान मालिक के साथ रही। जब मैंने उसके लैंडलॉर्ड से इसके बारे में पूछा तो उसने कहा, ‘मेरा मानना है कि अगर वो मेरे साथ रह रही थी तो इसका मतलब ये था कि वो नाखुश नहीं थी। लैंडलॉर्ड ने ये भी दावा कि उसने कभी भी उस लड़की से सेक्स नहीं किया और न ही इसकी फरमाइश की। 

मेरा सामना एक ऐसे अधेड़ लैंडलॉर्ड से भी हुआ जो ‘रेंट फॉर सेक्स’ का ऑफर कर रहा था। वो न्यूकैसल के एक फ्लैट में अकेले रहता था। जिस कैफे में हम मिल रहे थे, वहां से वो भड़कते हुए बाहर निकल गया लेकिन आखिरकार वो बात करने के लिए तैयार हो गया। उसका कहना था कि वो केवल ‘साथी तलाश रहा था’ और ‘ये केवल सेक्स के लिए नहीं’ था। उसने मुझसे कहा, ‘मुझे नहीं मालूम था कि मैं कोई गलत काम कर रहा था।’

एक औरत जो उसके साथ रह रही है, वो एहसान चुकाने के एवज में और बेघर होने के डर से उसके साथ सेक्स कर सकती है, भले ही इसमें उसकी मर्जी शामिल न हो। मैंने ये बात उसे समझाने की कोशिश की। मेरी बात पर उसने कहा, ‘मैं समझता हूं कि इस सहमति का ये एक स्याह पहलू हो सकता है लेकिन इसके बावजूद वो शख्स इस बात का ईमानदारी से जवाब नहीं दे सका कि क्या वो भविष्य में ऐसे ‘एडल्ट ऐरेजमेंट्स’ तलाशेगा या नहीं।’

मैं इस डॉक्यूमेंट्री के सिलसिले में जितने लैंडलॉर्ड्स से मिली, उनमें ज्यादातर ये बात समझ नहीं पा रहे थे कि वे जो कर रहे हैं, उसमें क्या गलत है। गरीबी के खिलाफ काम करने वाले और किरायेदारों के संगठन के ‘एकॉर्न’ की एलेन मोरान इसे कुछ यूं समझाती हैं, ‘हमारे समाज में कुछ लोग ये मानते हैं कि पसंद की चीज हासिल करने के लिए कमजोरों पर ताकत का इस्तेमाल जायज है और इस पर कोई सवाल नहीं पूछा जा सकता है।’

 
ये क्राइम है…
एलेन मोरान का कहना है, ‘उन्हें ये ताकत हासिल है और कानून लागू करने वाली एजेंसियां भी इसे नजरअंदाज कर देती हैं। कई बार कुछ लोग समाज में इस कदर अलग-थलग पड़ जाते हैं कि वे जिस्मानी नजदीकियां हासिल करने के जायज तरीकों को समझे बिना इसके लिए तरस जाते हैं। कभी-कभी दोनों बातें एक साथ हो जाती हैं।’

एलेन का संगठन अब इस बात के लिए अभियान चला रहा है कि ब्रिटेन में ‘रेंट फॉ सेक्स’ को गैरकानूनी करार दिया जाए। उनकी मांग है कि इसे गुलामी प्रथा पर पाबंदी लगाने वाले कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए ताकि मकानमालिकों पर कार्रवाई की जा सके। वो कहती हैं, ‘सरकार को ये सार्वजनिक तौर पर कहना चाहिए कि ‘रेंट फॉर सेक्स’ एक क्राइम है और ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। हमें इस समस्या से निपटने के लिए जमीनी बदलाव करने होंगे।’

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