नॉर्थ कोरिया अपनी कूटनीतिक चालो के जरिये अमेरिका और दक्षिण कोरिया दोनों को गुमराह करने की कोशिश में लगा है. एक ओर जहा उत्तर कोरिया युद्ध की धमकियां दे रहा है,वही दूसरी ओर किम जोंग विंटर ओलंपिक में टीम भेजने के बहाने से दक्षिण कोरिया का दिल जीतने की कोशिश भी कर चूका है. लेकिन इसका मतलब तानाशाह की नरम दिली से बिल्कुल नहीं निकला जा सकता . क्योकि इस सब के बीच भी हथियार बनाने और उनके परिक्षण का काम जारी है साथ ही धमकिया और अमरीका से बगावत भी कम नहीं हुई है. इसको लेकर संदेह बना हुआ है. सीआईए के लिए नॉर्थ कोरिया विश्लेषक रहीं जंग पाक का कहना है कि ओलंपिक में खेलने का ये मतलब नहीं निकालना चाहिए कि कोरिया ने मिसाइल बनाने बंद कर दिए होंगे.
पाक के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया अगर मिसाइल टेस्ट नहीं कर रहा है, इसका ये मतलब नहीं है कि वह हथियार डेवलप नहीं कर रहा होगा. न्यूक्लियर प्रोग्राम के तहत संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका नॉर्थ कोरिया पर कई प्रतिबंध लगा चुका है. अमेरिका ने कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को मंजूरी देने से मना कर दिया था.
ओलंपिक इवेंट में अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा था कि शीतकालीन ओलंपिक के साथ-साथ दोनों कोरियाई देशों के बीच वार्ता के बावजूद उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ अमेरिका और दक्षिण कोरिया एकजुट हैं. पेंस ने दक्षिण कोरिया के प्योंगचांग में खेलों के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के बाद एयर फोर्स टू विमान में संवाददाताओं से कहा था कि वह और राष्ट्रपति मून जेइ इन उत्तर कोरिया के खिलाफ ‘‘मजबूती से खड़े’’ हुए हैं.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal