बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बयान देकर इस बात को साफ करने की कोशिश की है कि वह केवल बिहार सरकार के मुखिया हैं। हालांकि, उन्हें गठबंधन के सर्वेसर्वा के तौर पर देखा जाता है। इस समय गठबंधन में भाजपा और जेडीयू के अलावा दो क्षेत्रीय पार्टियों के साथ है। उन्होंने 12 फरवरी को दिए अपने बयान में कहा कि वह केवल बिहार सरकार के मुखिया हैं, गठबंधन के नहीं।नीतीश से जब पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवामी मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की मांगों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- किसी भ्रम में मत रहिए कि मैं गठबंधन का मुखिया हूं। मैं केवल सरकार का मुख्यमंत्री हूं, मैं गठबंधन का मुखिया नहीं हूं। उन्होंने लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में ‘फंसाने’ के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। राजद ने आरोप लगाया था कि एनडीए के शासन के दौरान केंद्र और राज्य की सरकार ने उनके नेता को फंसाया था।
चारा घोटाले में सजा सुनाए जाने के बाद पिछले साल 23 दिसंबर से राजद प्रमुख लालू यादव रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। उसके बाद चारा घोटाले से जुड़ एक अन्य मामले में भी लालू को सजा सुनाई गई थी। नीतीश कुमार ने पत्रकारों को बताया ‘इस मामले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मेरा क्या लेना-देना है। यह मामला 20 साल से ज्यादा पुराना है। इसकी जांच सीबीआई ने की और पटना हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई हुई। असल में मैं तो इस केस में याचिकाकर्ता भी नहीं हूं, जिसकी पीआईएल पर अदालत ने सीबीआई को इस मामले को सौंपा।’
दरअसल लालू यादव और उनकी पार्टी द्वारा नीतीश कुमार और एनडीए पर बार-बार आरोप लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर अपना बयान दिया है। उन्होंने राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए कहा कि चारा घोटाले में एक याचिकाकर्ता तो अब खुद लालू के खेमे में हैं और मैं उनकी टिप्पणियों को देखकर खुश हूं।