आधार कार्ड को मोबाइल नंबर, बैंक खाते समेत अन्य कई सरकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. हालांकि अगर आप सरकारी स्कीम्स का फायदा उठाना चाहते हैं, तो आधार की गैरमौजूदगी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
ऐसी स्थिति में आप वोटर आईडी कार्ड समेत अन्य दस्तावेज भी दिखा सकते हैं. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि आधार न होने की वजह से किसी को भी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से वंचित नहीं किया जा रहा है.
केंद्र सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि इस संबंध में कैबिनेट सचिव अधिसूचना जारी कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल 19 दिसंबर को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी.
इसमें साफ किया गया है कि किसी भी नागरिक को आधार न होने की सूरत में सामाजिक सुरक्षा योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आधार की जगह वोटर आईडी व राशन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज भी दिए जा सकते हैं.
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में आधार की अनिवार्यता को लेकर हो रही सुनवाई के दौरान यह बातें रखी. इस दौरान उन्होंने साफ किया कि आधार एक्ट में कई प्रावधान किए गए हैं. एक्ट में यह भी प्रावधान है कि देश के नागरिक को सबसे पहले आधार दिखाना होगा या फिर अपनी आधार डिटेल को ऑथेंटिकेट करना होगा.
अगर ये दोनों काम नहीं हो पाते हैं, तो वह कोई दूसरा आईडी कार्ड मुहैया कर सकता है. ऐसी स्थिति में उसे सुविधा दिए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता है.
मेहता ने कहा कि आधार न होने की वजह से किसी को भी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से वंचित नहीं किया जा रहा है. सरकार आम लोगों की दिक्कतों को समझती है.
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