बजट पेश होने से पहले 500 और 2000 के नोटों को लेकर नई टेंशन खड़ी हो गई है। आप भी जानिए और सावधान रहें, कहीं नुकसान न उठाना पड़ जाए।
दरअसल, 500 और 2000 के नकली नोटों की छपाई अभी तक रुकी नहीं है। आए दिन नकली नोट बनाने वाले गैंग पकड़े जा रहे हैं। ऐसा ही एक गिरोह अब पंचकूला में पकड़ा गया है। क्राइम ब्रांच ने गिरोह का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को धर दबोचा है। आरोपियों की पहचान पीर मुछल्ला निवासी हेमंत और डड्डूमाजरा निवासी अरुण के तौर पर हुई है। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
दोनों आरोपी लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर की मदद से नकली नोट तैयार कर, आसपास के शहरों में इसकी आपूर्ति कर रहे थे। पुलिस को सूचना मिली थी हेमंत और अरुण, नकली नोट बनाने का गोरखधंधा चला रहे हैं। इसकी भनक मिलते ही पुलिस ने आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। बताया जाता है कि दोनों आरोपी नशे के कारोबार से भी जुड़े रहे हैं, जिनकी खरीद के लिए नकली नोटों के धंधे में उतरे।
आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 83 हजार रुपये कैश बरामद किए हैं, जिनमें 500-2000 के जाली नोट हैं। पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी लैपटॉप, स्कैनर और प्रिंटर की मदद से जाली नोट तैयार करने का धंधा कर रहे थे। आरोपियों के कब्जे से कैश की बरामदगी के बाद पुलिस अब लैपटॉप और प्रिंटर बरामद करने में जुटी है। सूत्रों के मुताबिक आरोपियों का लैपटॉप लुधियाना में है, जबकि इस मामले में अभी भी अन्य सामान की बरामदगी की जानी है।
पुलिस के मुताबिक नकली नोटों के धंधे में लिप्त आरोपी हेमंत फायनेंसर का काम करता था। सूत्रों के मुताबिक दोनों आरोपी नोटों के बंडल में असली के साथ-साथ नकली नोटों को साथ रख देते थे। क्राइम ब्रांच ने आरोपियों को सेक्टर-11 की मार्केट से गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन आरोपियों का रिमांड लेने के लिए वीरवार को सेशन कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी जाएगी।
आरोपियों से पूछताछ में नकली नोटों के इस कारोबार में लिप्त अन्य लोगों के अलावा इस बात का भी खुलासा होगा कि आखिरकार नकली नोटों की खपत किस कार्य के लिए की जा रही थी और कहां-कहां से आरोपियों के नेटवर्क जुड़े हैं। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कब से यह गिरोह काम कर रहा था और अब तक कितने नोट तैयार किए जा चुके हैं।