आज देश और दुनिया से राहुल द्रविड़ को बधाइयाँ मिल रही है. राहुल द्रविड़ के सफल प्रशिक्षण में भारत अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप चैम्पियन बन गया है, और इस बात की ख़ुशी राहुल द्रविड़ के चेहरे पर साफ झलक रही है. मगर 23 मार्च 2007 को क्रिकेट की दुनिया में ‘द वॉल’ के नाम से पहचाने जाने वाले राहुल द्रविड़ फुट फुट कर रोये थे. क्योकि इसी दिन वर्ल्ड कप में भारत का सफर ख़राब प्रदर्शन के चलते थम गया था और एक खिलाडी और कप्तान के तौर पर ये बात राहुल द्रविड़ के दिल पर गहरा आघात कर गई थी.
मगर राहुल द्रविड़ के वह आंसू आज खुशी के आंसू में बदल गए, जब उन्होंने 10 साल बाद बतौर कोच एक वर्ल्ड कप भारत जीत कर करोड़ों भारतीयों को जश्न मनाने का मौका दे दिया. टीम इंडिया 2011 में धोनी के लीडरशीप में विश्वविजेता जरूर बनी और राहुल द्रविड़ के साथ भारत के ‘फैब-4’ में शामिल क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का सपना जरूर पूरा हुआ, लेकिन द्रविड़ का सपना अधूरा ही रह गया.
राहुल द्रविड़ 2011 के वर्ल्डकप की टीम में शामिल नहीं हो पाए थे. हालांकि इस बार अंडर 19 भारतीय टीम ने राहुल द्रविड़ को उनकी मेहनत का फल देते हुए गुरु दक्षिणा में विश्व कप दिया है. इससे पहले उनकी कोचिंग में दो साल पहले बांग्लादेश में टीम उपविजेता रही थी. टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले पूर्व दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ के हाथो में फ़िलहाल देश के ये उभरते हुए सितारे बेहद सुरक्षित है.
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