खेल मंत्रालय की ओर से उनके नाम की सिफारिश देश के सर्वोच्च खेल सम्मान के लिए किए जाने के बावजूद देश के लिए दिए गए उनके योगदान को फिर भुला दिया गया। यही नहीं रियो ओलंपिक में रजत जीतने वाली पीवी सिंधु और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को आवेदन के बावजूद पद्म भूषण के लिए लायक फिर नहीं समझा गया।
पद्म श्री पाने वालों में सबसे हैरानी जनक नाम मीराबाई चानू का है। वह बीते वर्ष ही 22 साल बाद वेटलिफ्टिंग में वर्ल्ड चैंपियन बनी हैं। किदांबी श्रीकांत और सोमदेव देववर्मन को भी पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। इनके अलावा यह सम्मान हासिल करने वालों में पैरालंपिक मेडलिस्ट मुरलीकांत पेटकर हैं।
धोनी और आडवाणी की ओर से पद्म भूषण के लिए लंबे समय से आवेदन किया जा रहा था, लेकिन हर बार दोनों नजरअंदाज किए जा रहे थे। बीसीसीआई खुद इस बार धोनी के लिए आगे आई। वहीं आडवाणी ने भी हार नहीं मानीं।
पीवी सिंधू के लिए खुद खेल मंत्रालय ने आवेदन किया था, लेकिन उन्हें दो साल पहले ही पद्म श्री मिला है, जिसके चलते उन्हें इस बार भी पद्म भूषण नहीं दिया गया। पद्म श्री के लिए पहलवान गीता फोगट के लिए भी मंत्रालय ने सिफारिश की थी, लेकिन उनके लिए भी बात नहीं बनीं।
केडी जाधव के लिए खुद किया आवेदन पर भुलाया
खास बात यह है कि देश के लिए पहला व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाले पहलवान केडी जाधव के लिए खुद मानव संसाधन विकास मंत्रालय और खेल मंत्रालय आगे आया था।
दोनों ही मंत्रालयों ने केडी जाधव के नाम की सिफारिश पद्म श्री देने के लिए की थी। जाधव की इतनी बड़ी उपलब्धि के बावजूद उन्हें आज तक पद्म पुरस्कार नहीं दिया गया था।
यही वजह थी की मंत्रालय अपनी पुरानी भूल को सुधारकर यह सम्मान दिलाना चाहता था, लेकिन उन्हें पुरस्कार के लायक नहीं समझा गया। हालांकि 1972 के पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले स्वीमर मुरलीकांत पेटकर को इस बार पद्म श्री दिया जाएगा।