निर्देश के बावजूद जवाबी हलफनामा दायर न करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रधानमंत्री कार्यालय और देश के विधि मंत्री पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। देश के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए हाईकोर्ट से और समय मांगा था।इस पर जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस अब्दुल मोईन ने कहा कि पूर्व में मांगा गया समय देने के बावजूद आज तक जवाब दाखिल नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने जुर्माना लगाने के साथ पीएमओ को एक हफ्ते का और समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद रखी है।
यह याचिका सुनील कांडू ने दायर की थी। इसमें उनका कहना था कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) द्वारा विभिन्न प्रकरणों में विश्लेषण के बाद हर साल करीब पांच हजार रिपोर्ट दी जाती हैं, लेकिन इन पर केंद्र सरकार ध्यान ही नहीं देती।