ग्रहण का कहां रहेगा कितना असर?
ग्रहण की अवधि करीब डेढ़ घंटे की होगी। शास्त्रगत मान्यता के आधार पर ग्रहण का सूतक 12 घंटे पूर्व यानी 8 मार्च की शाम 4.50 बजे से लग जाएगा। मंदिरों के पट ग्रहण की अवधि में बंद रहेंगे। सुबह ग्रहण की समाप्ति के बाद भगवान का स्नान-अभिषेक कर पूजापाठ का कार्यक्रम होगा।
कुंभ राशि में होगा ग्रहण
जहां ग्रहण दिखाई नहीं देगा, वहां सूतक मान्य नहीं है। ज्योतिषाचार्य पं. राजकुमार शर्मा के मुताबिक ग्रहण की यह खगोलीय घटना कुंभ राशि एवं पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में घटित होगी।
प्रदेश में जयपुर, कोटा, टोंक, दौसा, बारां, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर मेंं ग्रहण नहीं रहेगा, क्योंकि इन जिलों में सूर्यादय बाद में होगा।
जबकि झालावाड़ में 5 मिनट, भरतपुर में 8 मिनट, सवाई माधोपुर में 4 मिनट, करौली में 5 मिनट एवं धौलपुर में 9 मिनट तक ग्रहण दिखाई देगा।
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