जिस उम्र में लोग छड़ी का सहारा लेकर चलते हैं, उस उम्र में डॉ. आरके सांगवान पदकों की झड़ी लगा रहे हैं। नवदीप काॅलोनी के रहने वाले डॉ. सांगवान 85 की उम्र में भी पूरी तरह स्वस्थ और फिट हैं। उनकी फिटनेस का राज सुबह 4 बजे उठाकर वर्क आउट करने के साथ प्रैक्टिस करना है। खेल के साथ-साथ वह डाइट का भी पूरा ध्यान रखते हैं। अब डॉ. सांगवान फरवरी माह में पुणे में होने वाली नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दमखम दिखाएंगे। वे सुबह-शाम गिरी सेंटर में एथलेटिक्स में करते हैं।
सांगवान अब तक स्वीमिंग से लेकर एथलेटिक्स में 75 पदक जीत चुके हैं। इसके अलावा राज्य स्तर से लेकर इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में भी कई पदक जीतकर नाम रोशन कर चुके हैं। डॉ. सांगवान एथलेटिक्स के इवेंट दौड़, रिले रेस, पांच किलोमीटर वॉक और स्टीपल चेज में भाग लेते हैं। हर इवेंट में वह कोई न कोई पदक जीतते हैं। उनकी प्रतिभा देखकर हर कोई दांतों तले उंगली दबा लेते हैं।
हॉल ही में 24 और 25 दिसंबर को गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में आयोजित हुई 32वीं हरियाणा स्टेट मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता में डॉ. सांगवान ने 85 से ऊपर आयु वर्ग में 38 मिनट 15 सेकंड में पांच किलोमीटर वॉक कर रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले भी डॉ. सांगवान 70 से ऊपर, 75 से ऊपर और 80 से ऊपर आयु वर्ग में रिकॉर्ड बना चुके हैं। उन्होंने एचएयू में स्वीमिंग कोच के पद पर ज्वाइन किया था और वह प्रोफेसर डीन एंड डीएसडब्ल्यू के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
डाइट में गोंद के लड्डू, ड्राई फ्रूट, दूध, घी, दही शामिल
प्रैक्टिस के साथ-साथ डाइट भी लेना बहुत जरूरी है। डॉ. आरके सांगवान बताते हैं कि आज लोग प्रोटीन के लिए डाइट में अंडे से लेकर मांस को ज्यादा तवज्जों देते हैं। वह डाइट में गोंद के लड्डू, दूध, घी, दही और ड्राई फ्रूट लेते हैं। यही कारण है कि 85 की उम्र में आज वह पूरी तरह स्वस्थ है। यहां तक कि वह गिरी सेंटर में भी प्रैक्टिस के लिए पैदल ही जाते हैं। सुबह शाम तीन से चार घंटे अभ्यास करते हैं।
… यूं हुई खेल में कॅरिअर की शुरुआत
डॉ. आरके सांगवान बताते हैं कि जब वह नौंवी कक्षा में पढ़ते थे तो गांव बास के एक युवक का जिलास्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक आया था। पदक जीतने पर गांव में उसका स्वागत कर सम्मानित किया गया। ग्रामीण बैलगाड़ी में पहुंचे थे। उस समय मेरे मन में भी आया कि मैं भी एथलेटिक्स खेलकर देश का नाम रोशन करूं। इसके बाद डॉ. सांगवान मैदान में उतरे।