यूएई की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कतर पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार रात को अपनी दो दिन की आधिकारिक यात्रा पर कतर की राजधानी दोहा पहुंचे। यह प्रधानमंत्री की कतर की दूसरी यात्रा है, उन्होंने पहली बार जून 2016 में कतर का दौरा किया था। हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का स्वागत कतर के विदेश मंत्री विदेश राज्य मंत्री श्री सोल्तान बिन साद अल-मुरैखी ने किया। दोहा पहुंचने के बाद उन्होंने कतर के प्रधानमंत्री के शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी के साथ बैठक की। बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि कतर के पीएम के साथ उनकी मुलाकात शानदार रही। दोनों नेताओं के बीच भारत-कतर मित्रता को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात करेंगे। इसमें द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत होगी। साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी की ये कतर की दूसरी यात्रा है, उन्होंने पहली बार जून 2016 में कतर का दौरा किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पर लिखा है कि पीएम मोदी का ये दौरा कतर के साथ ऐतिहासिक और गहरे संबंधों को बढ़ावा देगा। द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के लिए कतरी नेतृत्व के साथ व्यापक बातचीत चल रही है। प्रधानमंत्री का ये कतर दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब हाल ही में कतरी सरकार ने आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों की फांसी की सजा माफ करते हुए उनको भारत लौटने की इजाजत दी है।
इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अपने कतर के होटल पहुंचे तो बाहर उनके प्रवासी भारतीयों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। पीएम मोदी के लिए भारतीय तिरंगे और उपहार लेकर आए लोगों ने ‘मोदी-मोदी’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। पीएम मोदी ने दोहा में अपने होटल के बाहर स्वागत के लिए जुटे लोगों से हाथ मिलाया। कुछ लोगों ने तो उन्हें किताबें भी उपहार में दीं। लोगों ने पीएम मोदी से बातचीत करते हुए उनके साथ तस्वीरें भी लीं।
क्यों अहम है पीएम मोदी की ये यात्रा
पीएम मोदी की कतर की ये यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में कतर ने जासूसी के आरोप में करीब 18 महीने से जेल में बंद 8 पूर्व नौसेना अधिकारियों को रिहा किया है, जो भारत के लिए एक बड़ी जीत है। अगस्त 2022 मे कतर की खुफिया एजेंसी ने कथित जासूसी मामले में दोहा में 8 भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया था, जो एक निजी कंपनी के साथ काम करते थे। कतरी अधिकारियों ने उन पर पनडुब्बी पर जासूसी करने का आरोप लगाया और उन्हें जेल भेज दिया। इस मामले में उनको मौत की सजा सुनाई गई थी।
नवंबर 2023 में भारत सरकार ने कतर की एक उच्च अदालत में मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर कर दी थी। वहीं कूटनीतिक तौर पर भी कई प्रयास किए गए। इसके बाद कतर की एक अदालत ने 8 नौसेना दिग्गजों की मौत की सजा को माफ कर दिया। अदालत ने मौत की सजा को घटाकर जेल की सजा में बदल दिया था। इसके बाद इनकी भारत वापसी संभव हो सकी।