नई दिल्ली। 78 साल के जो बाइडन दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क की सबसे ताकतवर कुर्सी पर काबिज होने जा रहे हैं। जो बाइडन अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होंगे। बाइडन ने डोनाल्ड ट्रम्प के आत्मविश्वास को डिगा दिया। डोनाल्ड ट्रम्प और बाइडन के बीच हालांकि कांटे का मुकाबला रहा। आखरी दौर तक दुनिया यह नहीं समझ पा रही थी कि व्हाइट हाउस पर आखिर किसका कब्जा होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में जीत दर्ज करने वाले जो बाइडन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के दोनों कार्यकाल में उप-राष्ट्रपति रह चुके हैं। 77 साल के जो बाइडन अब से पहले राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के दौड़ में भी दो बार और शामिल हो चुके हैं। पहली बार 1988 और दूसरी बार 2008 में
77 साल के जो बाइडेन करीब पचास साल से अमेरिका की राजनीति में एक्टिव हैं। बाइडेन ने बतौर वकील अपने करियर की शुरुआत की थी, जिसके बाद उन्होंने राजनीति का रुख किया। साल 1972 में वो पहली बार चुनावी राजनीति में आए और डेलावेयर की न्यू काउंटी से चुने गए, यहां उन्होंने एक दस लेन के हाइवे के लिए जंग लड़ी।
1972 में ही जो बाइडेन ने अमेरिकी सीनेट के लिए उम्मीदवारी का ऐलान किया, डेलावेयर से वो 1973 में सीनेटर चुने गए. बाइडेन यहां से लगातार 2009 तक सीनेटर चुने गए. इसी साल वो बराक ओबामा के प्रशासन में उपराष्ट्रपति बने थे जिसके कारण सीनेटर का पद छोड़ना पड़ा था.
अमेरिकी सियासत में जो बाइडन के नाम से मशहूर बाइडन का पूरा नाम बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, जो बाइडन का पूरा नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडन जूनियर है। बाइडन का जन्म अमेरिका के पेंसिलवेनिया राज्य के स्कैंटन में हुआ था। बाल्यावस्था में ही वह डेलवेयर चले गए थे।
जो बाइडन साल 1972 में पहली बार डेवावेयर से सीनेट के लिए निर्वाचित हुए। अब तक वह छह बार सीनेटर रह चुके हैं। बाइडन ने बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहते अमेरिका के 47वें उप राष्ट्रपति का पद संभाला था। जो बाइडन अमेरिका के इतिहास में पांचवें सबसे युवा सीनेटर थे। यदि वह अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो वे अमेरिकी इतिहास में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे। उनकी उम्र 78 साल है।
डेलावेयर से छह बार सीनेटर रह चुके बाइडन राष्ट्रपति चुनाव की रेस में तीसरी बार उतरे हैं। उन्होंने पहली कोशिश 1988 के चुनाव में की थी, हालांकि तब उन्हें साहित्यिक चोरी के आरोप में पीछे हटना पड़ा था। फिर उन्होंने अपनी दूसरी कोशिश 2008 के चुनाव के लिए की।
बाइडन को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का करीबी माना जाना है। वह ओबामा के कार्यकाल में 2008 से 2016 तक दो बार उपराष्ट्रपति भी रह चुके हैं। 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन की जीत के लिए ओबामा भी काफी जोर लगाते दिखे हैं।
2017 में ओबामा ने अपने प्रशासन के करीबी जो बाइडन को राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तुत किया। दो साल बाद बाइडन ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपना अभियान शुरू किया और 2020 के डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।
जो बाइडन की पारिवारिक जीवन का इतिहास काफी कष्टप्रद है। वर्ष 1972 में एक कार दुर्घटना में बाइडन की पहली पत्नी और बेटी की दर्दनाक मौत हो गई थी। वह इस कष्ट से उबर नहीं पाए थे कि 2015 में बेटे की ब्रेन कैंसर निधन हो गया। पत्नी नीलिया की मौत के पांच साल बाद बाइडेन ने जिल से शादी की। उनकी एश्ली नाम की एक बेटी है, जिसका जन्म 1981 में हुआ था।
इन घटनाओं ने उनके जीवन को पूरी तरह से झकझोर दिया। इसका प्रभाव उनके जीवन और सोच पर भी पड़ा। यही वजह रही कि राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन ने स्वास्थ्य योजनाओं को खास प्राथमिकता दी है। उन्होंने इसे चुनावी एजेंडा बनाया। इसे उनके परिवार में एक के बाद एक दुर्घटनाओं से जोड़कर देखा जाता है।