करनाल लोकसभा के चुनावी नतीजों पर नजर डालें तो अब तक करनाल का कोई भी स्थानीय प्रत्याशी यहां से चुनाव नहीं जीत पाया है। पार्टियों के साथ ही मतदाताओं ने भी यहां बाहरी प्रत्याशियों पर ही अधिक भरोसा जताया है।
भाजपा के बाद कांग्रेस ने भी करनाल लोस सीट पर इस बार पंजाबी समुदाय के प्रत्याशी पर दांव लगाया है। खास बात यह है कि इस सीट पर अब तक स्थानीय की जगह बाहरी प्रत्याशियों का ही दबदबा रहा है। 1952 से अब तक इस सीट का 72 साल में 18 बार चुनाव हो चुके हैं और महज दो बार ही करनाल लोकसभा क्षेत्र में जन्मे प्रत्याशी सांसद बने हैं। इसमें 1967 और 1971 में सांसद बने माधोराम शर्मा तथा 2019 में सांसद बने संजय भाटिया शामिल हैं।
करनाल लोकसभा के चुनावी नतीजों पर नजर डालें तो अब तक करनाल का कोई भी स्थानीय प्रत्याशी यहां से चुनाव नहीं जीत पाया है। पार्टियों के साथ ही मतदाताओं ने भी यहां बाहरी प्रत्याशियों पर ही अधिक भरोसा जताया है। इस बार भी यहां कांग्रेस और भाजपा में टक्कर है और दोनों ही दलों ने यहां से बाहरी प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल मैदान में हैं तो कांग्रेस ने दिव्यांशु बुद्धिराजा पर दांव लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल मूल रूप से रोहतक के बनियानी गांव के हैं और दिव्यांशु बुद्धिराजा गोहाना के रहने वाले हैं। वर्ष 1971 के बाद पहली बार 2019 में करनाल लोकसभा से स्थानीय प्रत्याशी संजय भाटिया को टिकट दिया गया था, जो सांसद चुने गए।
सन सांसद जन्म स्थान
1952 वीरेंद्र कुमार सत्यवादी देहरादून
1956 सुभद्रा जोशी सियालकोट, पाकिस्तान
1962 स्वामी रामेश्वरदत्त उत्तराखंड
1967, 1971- माधोराम शर्मा पानीपत
1977- भगवत दयाल शर्मा रोहतक
1978- मोहिंदर सिंह पंजाब
1980, 1984- चिरंजीलाल शर्मा आहूलाना, सोनीपत
1989, 1991
1996, 1999 आईडी स्वामी अंबाला
1998- भजन लाल बहावलपुर, पाकिस्तान
2004, 2009 अरविंद शर्मा रोहतक
2014- अश्विनी चोपड़ा दिल्ली
2019- संजय भाटिया- पानीपत
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