केंद्र सरकार जल्द ही नागरिक केंद्रित पोर्टल की शुुरुआत करने जा रही है। इससे लोगों को सात तरह के अपराधों, संबंधित सेवाओं की शिकायतें और एफआईआर ऑनलाइन दर्ज कराने की सुविधा मिलेगी। साथ ही पोर्टल से लोग घरेलू सहायकों, ड्राइवर, किरायेदारों के पूर्व में हुए सत्यापन की जानकारी भी ले सकेंगे।
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जल्द ही पोर्टल की शुरुआत की जाएगी। इस वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर एफआईआर के अलावा कर्मचारियों, नर्सों और किरायेदारों का सत्यापन, सार्वजनिक कार्यक्रमों की अनुमति, खोया पाया सामान और वाहन चोरी की शिकायतें भी दर्ज कराई जा सकेंगी। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि इस सेवा का उद्देश्य आपराधिक जांच को नागरिकों के अनुकूल बनाना है। इसके जरिये लोगों की शिकायतों और अनुरोध को बिना समय गंवाए राज्य और केंद्र शासित पुलिस को भेजा जाएगा ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
ई मेल से मिलेगी जानकारी
अधिकारी ने बताया कि संबंधित व्यक्तियों के निजता की रक्षा के लिए केवल अधिकृत पुलिस अधिकारियों को ही क्राइम डाटा और रिपोर्ट खोजने का अधिकार होगा। नागरिक को ई मेल के माध्यम से ही आपराधिक पूर्ववर्ती सत्यापन सेवाओं की जानकारी दी जाएगी।
पीएम का स्मार्ट पुलिसिंग पर जोर
प्रधानमंत्री ने 2014 में गुवाहाटी में पुलिस प्रमुखों की सालाना सम्मेलन में स्मार्ट पुलिस की अवधारणा पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह ऐसी पुलिस फोर्स चाहते हैं जो देश की कानून व्यवस्था का कुशलतापूर्वक ध्यान रख सके।