65 लाख रुपये की कीमत मिलने के बावजूद भी इस बकरे को नहीं बेचा इसके मालिक ने, जाने क्या हैं खासियत…

भारत में सालभर कई त्‍योहार मनाए जाते हैं और अगस्‍त का तो पूरा महीना ही त्‍योहारों के नाम होता है. इसमें हिंदुओं का एकादशी व्रत और शिवरात्रि का त्‍योहार आता है और केरल का मशहूर त्‍योहार ओणम मनाया जाता है.त्‍योहारों के लिए खास अगस्‍त के महीने में मुसलमानों का बकरीद का त्‍योहार भी मनाया जाता है. ये तो आप भी जानते होंगे कि साल में दो बार दो ईद मनाई जाती हैं, लेकिन आपको बता दें कि ये दोनों ही ईद अलग-अलग तरह से मनाई जाती हैं. ईद सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों में मनाई जाती है.रमजान के बाद ईद-उल-फितर मनाई जाती है और उसी के 70 दिन बाद ईद-उल-जुहा का त्योहार मनाया जाता है, जिसे बकरीद भी कहते हैं|इस वर्ष ये त्यौहार 22 अगस्त को पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया |ये तो सभी जानते हैं कि बकरीद पर मुस्लिम बकरों की कुर्बानी देते हैं.  इस्‍लाम में बकरीद के दिन कुर्बानी का बेहद खास महत्व है। इस्‍लाम में कुर्बानी करना हजरत इब्राहिम की सुन्‍नत के रूप में माना गया है।

वही इस बार बकरीद के मौके पर एक ऐसा चमत्कार सामने आया जिसे देख हर कोई हैरान रहा गया |जैसा की हम सभी जानते है की इस्लाम धर्म में बकरीद के मौकों पर बकरों का भव्य बाजार सजाया जाता है जिसमे  महंगे से महंगे और सस्ते से सस्ते बकरे  लाये जाते है जिनमे से किसी की चाल तो किसी के बाल बकरे के दामों को आसमानों तक पहुंचा देते हैं। हर साल एक न एक बकरा ऐसा मिलता है जिसकी चर्चा अगली बकरीद तक होने लगती है। इस बार भी ऐसा ही एक बकरा मार्केट में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल इस बकरे में कुछ ऐसी खासियत थी की उत्तराखंड के देहरादून के इस बकरे के मालिक ने इसे  बेचने से इनकार कर दिया। लेकिन इसकी खासियत ही कुछ ऐसी थी की  बड़े-बड़े लोग  इस बकरे को खरीदने के लिए लाइन लगाकर घर के बाहर खड़े हो गए।

आपको बता दे देहरादून के इस बकरे  की खासियत यह थी की यह आम बकरों की तरह नहीं था बल्कि इसपर अल्लाह का आशीर्वाद था और इसीलिए इसके  शरीर पर अल्लाह और मोहम्मद लिखा हुआ है। अब बकरीद जैसे पाक मौके पर ऐसा कोई बकरा दिख जाए तो जाहिर सी बात है कि लोगों की खरीदने की दिलचस्पी बढ़ जाएगी। मालिक ने तय कर लिया कि इस बकरे को नहीं बेचेगा। लेकिन खरीदने वाले इसकी बोली लगाने लगे, जोकि बढ़ते बढ़ते 65 लाख तक पहुंच गई लेकिन इसके बावजूद भी बकरे के मालिक ने इस बकरे को बेचने के लिए तैयार नहीं हुए और उन्होंने इस बकरे की कीमत पूरे 80 लाख रुपये लगा दी | आपको बता दे इस बकरे के मालिक का नाम आमिर है जो की देहरादून के कारगी चौक के  निवासी   है और इनकी उम्र  66 साल है ।वही उनके  48 किलो वजन के इस बकरे को खरीदने के लिए एक खरीददार ने 65 लाख रुपये तक की पेशकश दे दी। लेकिन आमिर भी मूड बनाकर आए थे कि इस बकरे को कम से कम 80 लाख रुपये में बेचा जाएगा।

आखिरी खबर लिखे जाने तक को इसका खरीददार 80 लाख रुपये देने को तैयार नहीं था। आमिर अपने बकरे मोनू को बेहद  प्यार करते हैं। उनका कहना है कि जब उसका जन्म हुआ तो फज्र की अजान हो रही थी। जन्म के समय उसके शरीर पर कुछ लिखा हुआ था। परिवार ने कभी ध्यान नहीं दिया लेकिन रमजान के महीने में एक हाफिज उनके घर आए तो उन्होंने बताया कि मोनू के एक तरह अल्लाह लिखा हुआ है तो दूसरी तरफ फातिमा लिखा हुआ फभर आया है। आमिर का मानना है कि यह बकरा अल्लाह की नेमत है और अपने सही मालिक के पास पहुंच जाएगा। इसे देखने के लिए इमाम साहब भीपहुंचे थे । आमिर ने बताया की उनके बकरे ‘मोनू’ की उम्र पौने दो साल है। अमीर ने बताया जब उसका जन्म हुआ था उस वक्त फज्र की अजान हो रही थी।

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