शहरी सार्वजनिक परिवहन को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सरकार ने फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण में राज्यों में 5,595 इलेक्टिक बसों की खरीद को मंजूरी दी है। इसके तहत उत्तर प्रदेश के खाते में सर्वाधिक 600 बसें आई हैं जो उसके 11 शहरों के लिए होंगी। दूसरा स्थान तमिलनाडु का है, जिसे 550 बसों की मंजूरी मिली है।केंद्र सरकार के भारी उद्योग विभाग ने दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों, स्मार्ट सिटी और राज्य परिवहन निगमों से फेम योजना के तहत इलेक्टिक बसों के लिए आवेदन मांगे थे। इन बसों को परिचालन लागत के आधार पर चलाया जाएगा।
सरकार इस योजना के तहत इलेक्टिक वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। इलेक्टिक बसों की मंजूरी के इस दौर में बिहार को 25, हरियाणा को 50, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल को 100-100, जम्मू कश्मीर को 150, मध्य प्रदेश को 340, छत्तीसगढ़ को 50 और उत्तराखंड को 30 बसें खरीदने की मंजूरी मिली है। कुल 5595 बसों में से 64 शहरों के लिए 5,095 बसें खरीदी जानी हैं। इसके अतिरिक्त राज्य परिवहन निगमों को अंतरराज्यीय परिवहन के लिए 400 बसों का खरीद प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है।
100 बसों के लिए दिल्ली मेट्रो का प्रस्ताव मंजूर हुआ है जिसे यात्री को यात्र के अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।सरकार ने फेम-2 योजना के लिए 10,000 रुपये का आवंटन स्वीकार किया था। इस राशि का 2022 तक इस्तेमाल किया जाना है। इसके तहत 8,095 करोड़ रुपये वाहनों की खरीद पर दिये जाने वाले प्रोत्साहनों पर खर्च होने हैं।
इसके अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये की राशि चार्जिग स्टेशनों के निर्माण पर खर्च होगी।केंद्र ने इसके तहत 3,545 करोड़ रुपये की राशि से 7090 इलेक्टिक बसों की खरीदारी का लक्ष्य रखा है जिन्हें विभिन्न शहरों में सार्वजनिक परिवहन के लिए इस्तेमाल किया जाना है। साथ ही 20,000 हाइब्रिड बसें खरीदने का भी प्रस्ताव है। 525 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन इलेक्टिक कारों की खरीद पर, 2,500 करोड़ रुपये तिपहिया वाहनों पर प्रोत्साहन के रूप में खर्च करने की योजना है। इलेक्टिक बसों के परिचालन पर सरकार 20000 रुपये प्रति किलोवाट का प्रोत्साहन देती है।