एजेंसी/ नई दिल्ली : बार-बार खबरें आती है कि भारतीय युवा आतंकी संगठन आईएसआईएस में भर्ती हो रहे है, लेकिन अब एक नया सच सामने आया है। जांच एजेंसियों ने ऐसे 500 से अधिक मुस्लिमों युवकों की पहचान की है, जो सोशल मीडिया के जरिए आईएस से जुड़े लोगों के साथ संपर्क में है। इन युवकों का आईएस से जुड़ने का मकसद खलीफा की स्थापना करना है।
जांच एजेंसियों का कहना है कि कश्मीर, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, यूपी से लेकर पश्चिम बंगाल तक के मुस्लिम युवक नापाक अभियान में शामिल हैं। ये लोग ट्रिलियन काको, निम्बूज, वीबर हाइक, टॉकरे और ग्रुप मी के जरिए एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं। युवक वेब के जरिए एक दूसरे से संपर्क रखते हैं, ताकि वो इराक और सीरिया पहुंच कर खलीफा की स्थापना की लड़ाई में शामिल हो सकें।
दूसरी ओर सरकार का मानना है कि भारतीय युवाओं में आईएस के प्रति रुझान कम है। इसी साल कई ऐसे लोगों को पकड़ कर उनसे पूछताछ की गई थी। लेकिन सबूतों के अभावों में उन्हें रिहा कर दिया गया था। जांच एजेंसियों का मानना है कि गुमराह युवकों को यकीन है कि पश्चिमी देशों की दमनकारी नीतियों का विरोध आईएस ही कर सकता है। लिहाजा उन्हें इस लड़ाई में आईएस का साथ देना चाहिए। हालांकि भारतीय फौज, जांच एजेंसियों के खिलाफ इन युवकों में उस तरह का गुस्सा नहीं है।