वाहन निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन (Volkswagen india) ने एनजीटी की ओर से लगाये गए 500 करोड़ रुपये के जुर्माने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है. फॉक्सवैगन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है. फिलहाल फॉक्सवैगन को जुर्माना नहीं भरना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने CPCB और NGT में याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया है. एनजीटी ने फॉक्सवैगन पर देश में बिकने वाली डीजल कारों में उत्सर्जन छिपाने वाले उपकरण का इस्तेमाल कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के कारण 500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
दो महीने के अंदर जमा करनी थी राशि-
7 मार्च को एनजीटी की तरफ से दिए गए इस फैसले में चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनी को दो महीने के अंदर यह राशि जमा कराने के लिए कहा था. पहले एनजीटी ने कंपनी को 171 करोड़ जमा कराने का आदेश दिया था. एनजीटी ने 16 नवंबर 2018 को कहा था कि फॉक्सवैगन ने देश में डीजल कारों में उत्सर्जन छिपाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है. एनजीटी ने तब कंपनी को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के पास 100 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि जमा कराने के लिए कहा था.
लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने का आरोप-
अधिकरण ने सीपीसीबी, भारी उद्योग मंत्रालय, ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया और राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी शोध संस्थान के प्रतिनिधियों का एक संयुक्त दल भी गठित किया था. संयुक्त दल ने दिल्ली में अत्यधिक नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन से लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने को लेकर 171.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का सुझाव दिया था.