परिजनों के अनुसार, करीब 25 साल पहले घर के बाहर छप्पर रखा जा रहा था। घर के बाकी लोगों की तरह शांति देवी भी मदद कर रही थीं। इसी दौरान छप्पर की एक धन्नी सरकी और पूरा छप्पर शांति देवी के ऊपर आ गिरा, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गईं। पति गंगाचरण कुशवाहा तथा अन्य लोग अस्पताल ले गए। कुछ दिनों बाद ठीक हुई तो उन्हें घर ले आए।
बेटे विमलेश ने बताया कि हादसे के करीब तीन महीने बाद उन्होंने शरीर की पूरी हड्डियों में दर्द की शिकायत की। कुछ समय बाद शांति देवी के कद में कमी आनी शुरू हो गई। चार महीने में आधा फीट तक लंबाई कम हो गई। फिर डॉक्टर को दिखाया तो कई जांच हुईं। दवा भी हुई मगर फायदा नहीं हुआ। एक शहर से दूसरे शहर के डॉक्टरों के यहां दौड़ लगाती रहीं, मगर लंबाई घटनी कम नहीं हुई।
कुछ साल में ही शांति देवी की लंबाई डेढ़ फीट कम हो गई। वहीं फायदा नहीं होने पर डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। थक-हार कर घर के लोग बैठ गए। अब शांति देवी की लंबाई केवल दो फीट बची है। कद में थोड़ी-थोड़ी कमी अभी भी आ रही है।