अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर के लिए भूमिपूजन किया जा रहा है. राम मंदिर निर्माण के शुभ मुहूर्त पर सवाल उठाये जाने को लेकर साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि यह सोचने का समय नहीं. कुछ सेकंड का शुभ मुहूर्त का समय है. उसी में काम हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मुझे इस तरह से सोचना का समय ही नहीं है.
बाबरी विध्वंस के आरोप पर साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि हम लोग तो मंत्रों को जपने वाले लोग हैं. सबने अपना योगदान दिया.
वहां जो हुआ किसी व्यक्ति ने नहीं किया, लेकिन जो हुआ वो जनसमूह ने किया. प्रभु ने हमें अपनी सेवा के लिए चुना और हमने किंचित मात्र अपना योगदान दिया.
मीडिया से बातचीत में साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि 451 वर्ष के संघर्ष यात्रा के बाद राम मंदिर का सपना पूरा होने जा रहा है. यह विध्वंसों के बीच यह निर्माण हो रहा है. यह सनातन धर्म के प्रवाह का परिचायक है.
वहीं आयार्च धर्मेंद्र महाराज ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास हो चुका है. उन्होंने कहा कि शिलान्यास और भूमि पूजन एक ही बार होता है और वो हो चुका है. इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं है. मंदिर निर्माण को लेकर जो बदलाव किया गया है वो भी अच्छा. सबसे बड़ी बात होती मन का उत्साह.
आयार्च धर्मेंद्र महाराज ने कहा कि अभी जो हो रहा है वो अच्छा हो रहा है, आगे जो कुछ होगा वो इसके पश्चात होगा. क्योंकि यह आरंभ है. भारत के प्रतिष्ठा की पुर्नस्थापना की ये शुरुआत है. ये तो पहली झाकी है. मथुरा काशी बाकी है.हालांकि पांच अगस्त के कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने के सवाल पर उन्होंने मुस्करा दिया.
पांच अगस्त को अयोध्या के कार्क्रम में निमंत्रित किए जाने के सवाल पर आयार्च धर्मेंद्र महाराज ने कहा कि हम हंस दिए, हम चुप रहे, मंजूर था पर्दा तेरा.
बता दें कि राम मंदिर निर्माण को लेकर मुहूर्त के वक्त पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने भूमिपूजन के तय वक्त को अशुभ घड़ी बताया है. शंकराचार्य ने मांग की है कि मंदिर निर्माण के लिए जनता की राय ली जाए.