23 साल पहले साध्वी ऋतंभरा की अवैध तरीके से हुई गिरफ्तारी को लेकर जिला कोर्ट में चल रहे मानहानि के केस में बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का प्रतिपरीक्षण हुआ। साध्वी के वकील ने 4 घंटे में 59 सवाल दागे। ज्यादातर के जवाब में दिग्गी ने कहा कि 23 साल पुराना मामला है। इसलिए कुछ बताना पाना मुश्किल है। इस मामले में कुछ भी नहीं बता सकता। कोर्ट द्वारा नियुक्त कमीशन के सामने बुधवार को सिंह के बयान हुए। अब कमीशन 28 सितंबर को कोर्ट में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगा। इसके बाद कोर्ट अन्य गवाहों के बयान लेगी।
सुबह 10 बजे से ही होटल सुंदर में कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा होने लगा था। दोपहर करीब पौने 12 बजे दिग्विजय सिंह पहुंचे। उन्होंने 10 मिनट कार्यकर्ताओं से चर्चा की। इसके बाद कमीशन नियुक्त हुए वीपी शुक्ला ने उनके बयान दर्ज किए। करीब चार घंटे तक सवाल-जवाब का सिलसिला चला। साध्वी ऋतंभरा की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट नरेशकुमार माहेश्वरी ने मुगलकाल से लेकर वर्तमान तक धर्म से जुड़े सवाल भी दागे। सिंह की तरफ से सीनियर एडवोकेट शेखर भार्गव ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि इन सवालों का केस से कोई संबंध नहीं है।