हाल ही में पूरे भारत ने अपना 68वां गणतन्त्र दिवस पूरे हर्षोउल्लास से मनाया। प्रधानमंत्री से लेकर समारोह की झांकिया एक दम मन को भावने लग रहे थे। हर बार समारोह में एक अलग सी चीज़ नज़र आती है और वह ये कि जब देश के प्रधानमंत्री के साथ ये जो उनके बॉडीगार्ड चलते हैं, उनके ब्रीफ़केस में आख़िर होता क्या है? आज हम मोदी के इस राज़ का पर्दा उठाते हैं।
दरअसल प्रधानमंत्री की सुरक्षा का काम ‘स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप’ नाम की संस्था के ज़िम्मे होता है। साथ ही ये पूर्व प्रधानमंत्री एवं उनके परिवार की सुरक्षा का ध्यान में रखती है लेकिन अगर वो चाहे तो एसपीजी सुरक्षा लेने से इनकार कर सकते हैं।
तो जिस अजीब से दिखने सूट केस की हम बात कर रहे न वो असल में एक न्यूक्लियर बटन होता है जिसे प्रधानमंत्री से कुछ फ़ीट दूर रखा जाता है। ये असल में एक पोर्टेबल फ़ोल्डआउट बैलिस्टिक शील्ड होती है, जो एनआईजी लेवल-3 की सुरक्षा प्रदान करती है। ये देखने में बेहद पतली होती है। अगर सुरक्षा में लगे लोगों को किसी भी तरह का खतरा महसूस होता है तो उन्हें बस इसे नीचे की तरफ़ खोल देना होता है।
ये एक तरह से एक ढाल का काम करता है। एसपीजी के साथ एक काउंटर अटैक टीम (कैट) भी होती है जो सुरक्षा के अलग-अलग पैंतरे इस्तेमाल करती हैं। इन लोगों की एक बेहद ख़ास तरह की ट्रेनिंग होती है। इस टीम को किसी तरह के अटैक के समय प्रधानमंत्री की सुरक्षा करने की बेहद कठिन ट्रेनिंग दी जाती है।