नेपाल के एक मंदिर से वर्ष 1984 में गायब भगवान की मूर्ति अमेरिका के संग्रहालय में रखी हुई थी जिसकी वापसी हो गई है। इसके लिए नेपाल की ओर से अमेरिकी सरकार के पास अपील की गई थी और इसका सबूत भी पेश किया गया था। यह जानकारी नेपाल पर्यटन मंत्रालय के सचिव वाइ पी कोइराला (YP Koirala) ने दी।
उन्होंने बताया, ‘वर्ष 1984 में नेपाल स्थित पाटन के पटको टोले में धर्मस्थल से गायब भगवान लक्ष्मी नारायण की मूर्ति अपने स्थान पर वापस आ गई है। दरअसल यह डलास के एक संग्रहालय में थी। हमने उन्हें इसका सबूत पेश किया। इसके बाद अमेरिका की सरकार इसकी वापसी को लेकर सहमत हुई।’
नेपाल द्वारा अमेरिका को यह सबूत पेश किया गया कि भगवान की यह मूर्ति उनकी है तब जाकर पिछले माह अमेरिका ने नेपाली दूतावास को यह सौंपा। नेपाल कल्चर सेक्रेटरी यादव प्रसाद कोइराला ने बताया, ‘डलास संग्रहालय में रखी गई यह मूर्ति के लिए हमारी अमेरिकी अधिकारियों के साथ चार बार बैठक हुई और तब जाकर हमारे सबूतों पर उन्होंने मुहर लगाई और मूर्ति को आधिकारिक तौर पर सौंप दिया।’
बता दें कि नेपाल में भगवान के इस मूर्ति की पूजा करीब 800 सालों तक हुई जिसके बाद यह गायब हो गई थी।वर्ष 1990 में 12वीं सदी की यह मूर्ति जिसे वासदेव कमला के नाम से भी जानते हैं न्यूयार्क के सोथबे नीलामी घर में देखी गई। जिसके बाद यह फिर से लापता हो गई और गूगल इमेज सर्च के जरिए अमेरिकी आर्टिस्ट ने इसका पता लगाया कि ये डलास म्यूजियम ऑफ आर्ट में है।