400 हेक्टेयर में विकसित नव्य अयोध्या में मिलेगी त्रेता युग की झलक,

श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही अयोध्या का रंग-रूप बदलने लगेगा। कई योजनाएं नगरी को खूबसूरत और यहां की सांस्कृतिक विरासत को संतृप्त करती दिखेंगी, वहीं अयोध्या के समानांतर एक नई नवेली अयोध्या भी विकसित करने की योजना है। नई अयोध्या एक ओर जहां आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी, वहीं त्रेतायुगीन झलक भी पेश करेगी। इस अत्याधुनिक टाउनशिप में साधु-संतों के आश्रम होंगे, तो आधुनिक गुरुकुल भी नजर आएंगे। इस पर सरकार काम कर रही है।

गत दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र से उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद और जिले के अधिकारियों ने इसकी प्लानिंग साझा की। यह नगर 400 हेक्टेयर भूभाग पर विस्तार लेगा। इसमें खूबसूरत आर्किटेक्चर के साथ ही यहां की सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलेगी। इसको रामनगरी के उत्तर पूर्व कोने में विकसित करने की योजना है, जो सरयू के कछार से जुड़ा भूभाग है। यहीं बसे शाहनेवाजपुर व तिहुरा माझा ग्राम सभा की जमीन पर योजना आकार लेगी।

सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद, अयोध्या विकास प्राधिकरण, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम व पर्यटन विभाग के समन्वय से इसे बसाया जाएगा। गत दिनों उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के उच्चाधिकारियों ने इस संबंध में शासन में एक प्रेजेंटेशन भी दिया। इस योजना के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या आगमन के साथ रफ्तार पकड़ने के आसार हैं।

अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय कहते हैं कि राजा विक्रमादित्य के शासन काल के बाद पहली बार अयोध्या का गौरव वैभव प्रतिष्ठित होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में अयोध्या में कई योजनाएं जमीन पर उतरेंगी। नई अयोध्या की योजना सभी देशवासियों के लिए भी गौरव की बात है।

इसलिए पड़ी नव्य अयोध्या की जरूरत : दरअसल, राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद देश ही नहीं, बल्कि विदेश से भी पर्यटक व श्रद्धालु अयोध्या की ओर उन्मुख होंगे। उस लिहाज से अयोध्या का आकार बहुत छोटा है। यहां श्रद्धालुओं के ठहरने सहित अन्य सुविधाएं न के बराबर हैं। इस वजह से आधुनिक सुविधाओं वाले नव्य अयोध्या की आवश्यकता महसूस की गई। इसमें साधु-संतों के आश्रम के साथ ही आवासीय कॉलोनी, मॉल, रेस्टोरेंट आदि भी होंगे।

सांस्कृतिक प्रतीक होंगे आकर्षक : योजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि नई अयोध्या में मार्ग से लेकर चौराहे और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर रामायण के प्रतीक चिह्न विद्यमान होंगे, जो इसकी धार्मिक छवि को विस्तार देंगे।

चार गांव में जमीन बैनामे पर रोक : सुप्रीम कोर्ट से रामलला के पक्ष में फैसला आने के बाद से यहां चार गांव मीरापुर दोआबा, तिहुरा शाहनेवाजपुर व मांझा बरहटा में रजिस्ट्री पर रोक लगी है। अब इसी में शाहनेवाजपुर व तिहुरा में नव अयोध्या के विकास की योजना बनाई जा रही है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com