35 मिलियन पाउंड : निजाम फंड मामले में ब्रिटेन की अदालत में अवैध दस्तावेज दिए गए थे

हैदराबाद की पूर्ववर्ती रियासत के अंतिम निजाम के एक पोते ने अपने कुछ रिश्तेदारों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत में उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने ब्रिटेन में एक बैंक में पड़े पूर्व शासक से संबंधित 35 मिलियन पाउंड का दावा करने के लिए झूठे और मनगढ़ंत दस्तावेज जमा किए।

सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान बहादुर के पोते नवाब नजफ अली खान मंगलवार को हैदराबाद पुलिस आयुक्त के पास पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई थी। नजफ अली खान ने मुकर्रम जाह, उनकी पूर्व पत्नी इसरा बिरगेन, बेटे अजमत जाह और उनके भाई मुफ्फखम जाह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

निजाम के वंशजों, प्रिंस मुकर्रम जाह और उनके छोटे भाई प्रिंस मुफ्फखम जाह ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लंदन की नैटवेस्ट बैंक में जमा करीब 35 मिलियन पाउंड की राशि को लेकर लंबे समय से चल रही इस कानूनी जंग में भारत सरकार को समर्थन दिया था। बता दें कि प्रिंस मुकर्रम शाह हैदराबाद के आठवें निजाम हैं। 

नजफ अली खान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाया कि निजाम फंड मामले में ब्रिटेन की अदालत में अवैध दस्तावेज दिए गए थे। उन्होंने कहा कि मुकर्रम जाह और उनके तीन परिजनों ने अपने फायदे के लिए और निजाम के वैध वारिसों को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजी करते हुए गलत दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था।

उल्लेखनीय है कि अक्तूबर 2019 में ब्रिटेन की एक अदालत ने निजाम की संपत्ति को लेकर 70 साल से भी ज्यादा समय से चले आ रहे विवाद को समाप्त किया था। अदालत ने ब्रिटेन की एक बैंक में जमा निजाम की संपत्ति पर पाकिस्तान के दावे को खारिज करते हुए भारत और नवाब के वंशजों के पक्ष में फैसला दिया था।

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