वैदिक ज्योतिष में ग्रह समय-समय पर एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते हैं। ग्रहों के मंत्रिमंडल में शनिदेव सबसे धीमी चाल से चलने वाले ग्रह माने गए हैं। शनि के बाद राहु और केतु को सबसे धीमी गति से चलने वाला माना गया है। शनिदेव जहां ढाई वर्ष में एक राशि में भ्रमण करते हैं वहीं राहु और केतु लगभग डेढ़ वर्ष तक एक राशि में भ्रमण कर अपना फल लंबे समय तक प्रदान करते हैं। 30 अक्तूबर को केतु अपना राशि परिवर्तन करने वाले हैं, केतु का गोचर अब कन्या राशि में होगा। इस गोचर से 3 राशियां ऐसी है जिन्हे थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं कि वह तीन राशियां कौन सी हैं।
वृष राशि
वृष राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर पंचम भाव में होगा। इस भाव से संतान, बुद्धि और प्रेम का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान केतु की दृष्टि आपके धर्म स्थान पर, लाभ स्थान पर और पहले स्थान पर होगी। केतु के इस गोचर के कारण वृष राशि के जातकों को अपने रिश्तों के प्रति बहुत सावधान रहना होगा। आपको सलाह दी जाती है कि अपने प्रेम संबंधों में बहुत सावधानी के साथ आगे बढ़े। प्रेमी के साथ तनाव और गलतफहमी या बढ़ने की संभावना दिखाई पड़ रही है। इस समय छात्र वर्ग को भी अच्छे परिणाम नहीं प्राप्त होंगे। आपकी पढ़ाई में खासतौर से उच्च शिक्षा में आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वृष राशि के जातकों को आर्थिक क्षेत्र में भी थोड़ा कमजोर महसूस होगा। व्यापार में उतना निवेश नहीं आ पाएगा। इस गोचर के दौरान संतान पक्ष के साथ आपके मतभेद हो सकते हैं और स्वास्थ्य समस्याओं से भी आपको कष्ट होगा। समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेते रहें।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर अब द्वादश भाव से होगा। इस भाव से व्यक्ति के खर्च का और विदेश यात्रा का बोध होता है तो इस भाव में विराजमान केतु की दृष्टि आपके अष्टम, छठे और चतुर्थ भाव पर होगी। केतु के इस गोचर के कारण तुला राशि के जातकों को कुछ अप्रत्याशित खर्चों का सामना करना पड़ सकता है और इस दौरान आपकी आमदनी थोड़ी कम रह सकती है। आपके शत्रु आपके ऊपर हावी होने का पूरा प्रयास करेंगे। इस दौरान सावधानी से वाहन चलाइए क्योंकि दुर्घटना भी आपके साथ हो सकती है। अगर आपको हृदय से जुड़ी कोई बीमारी है तो स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। केतु का यह गोचर आपके लिए मानसिक कष्ट में वृद्धि करने वाला हो सकता है। केतु का प्रभाव आपके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन करने वाला होगा। इस दौरान आपकी विदेश जाने की इच्छा भी पूरी हो सकती है। अगर आप लेखक हैं तो आपके लेखन में निखार लाने का काम केतु के गोचर के दौरान होगा। ज्योतिष और तंत्र मंत्र से जुड़े जातकों को केतु अच्छी सफलता देने वाला होगा।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर अष्टम भाव से होगा। इस भाव से अचानक से होने वाली घटनाओं का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान केतु की दृष्टि आपके द्वादश भाव, आपके वाणी भाव और आपके चतुर्थ भाव यानी मां के घर पर होगी। केतु के इस गोचर के कारण आपके वैवाहिक जीवन में तनाव की स्थिति दिखाई दे रही है। आपकी पत्नी के साथ आपका झगड़ा बढ़ सकता हैं। दूसरी ओर आपके कार्यक्षेत्र में भी कुछ असफलताओं को लेकर आप परेशान रहेंगे। व्यर्थ की यात्राओं से आपका मन खिन्न रहेगा। केतु के इस गोचर के कारण कोर्ट कचहरी के मामलों में आपका समय बर्बाद होगा। आपकी वाणी की कटुता पारिवारिक जीवन में तनाव पैदा करने का काम करेगी इसलिए अपनी वाणी को मधुर रखिए। इस गोचर के दौरान आप अपनी मां की सेहत को लेकर थोड़े परेशान भी हो सकते हैं। मानसिक कष्ट में वृद्धि संभव है।