देश में होने वाली तकरीबन 20 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं नकली कलपुर्जों की वजह से होती हैं. ये कलपुर्जे बाजार में असली बताकर बेचे जाते हैं.
इंडस्ट्री बॉडी फिक्की कास्केड के मुताबिक बाजार में बिकने वाले एफएमसीजी उत्पादों अथवा उपभोक्ता वस्तुएं में से 30 फीसदी नकली होते हैं. हालांकि इन्हें इस तरह से पेश किया जाता है कि 80 फीसदी लोग इन्हें असली समझ बैठते हैं.
इंडस्ट्री बॉडी फिक्की कास्केड ने नकली सामान को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें उसने बताया है कि नकली सामान से काफी नुकसान ग्राहक को उठाना पड़ता है. यही नहीं, सरकारी खजाने को भी इसका काफी ज्यादा खामियाजा भुगतान पड़ता है.
फिक्की ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जालसाजी और तस्करी जैसी चीजें स्थायी समस्या हो गई हैं. इन समस्याओं के चलते सरकार के साथ ही उद्योग, ग्राहकों और अर्थव्यवस्था को काफी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
फिक्की कास्केड की रिपोर्ट में दिए गए अनुमान के मुताबिक नकली सामान और तस्करी बाजार के चलते सरकार को 39,239 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक तंबाकू उत्पादों से यह नुकसान 9,139 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. जबकि मोबाइल फोन के अवैध कारोबार ने 9,705 करोड़ रुपये का चूना लगाया है. वहीं एल्कोहलयुक्त पेय के अवैध कारोबार ने भी सरकारी खजाने को 6,309 करोड़ रुपये की चपत लगाई है.