आज शाम पांच बजे से शुरु होने वाले इस कार्यक्रम पर पिछले तीन दिन से मंडरा रहे संशय के बादल छट गए हैं। एओएल ने पांच करोड़ के जुर्माने की राशि में से 25 लाख की राशि आज जमा कर दी है।
शेष 4.75 करोड़ की राशि को जमा करने के लिए संस्था ने तीन हफ्ते का समय मांगा जिसे एनजीटी ने स्वीकार कर लिया है। गौर करने वाली बात है कि एनजीटी ने ये भी स्वीकार कर लिया है कि एओएल जो राशि देगा उसे इस कार्यक्रम से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
इससे पहले एओएल ने एनजीटी को जवाब देते हुए कहा कि वह एक चैरिटेबल संस्था है जिसके लिए दो दिन के अंदर पांच करोड़ का इंतजाम करना आसान नहीं है।
बता दें कि बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान एनजीटी ने चेतावनी दी थी कि अगर जुर्माने की राशि नहीं चुकाई गई तो कार्यक्रम के आयोजन को रद्द किया जा सकता है।
एनजीटी के इस आदेश के बाद श्रीश्री रविशंकर ने मीडिया में बयान दिया था कि वो भले ही जेल चले जाएंगे लेकिन, जुर्माने की राशि नहीं भरेंगे। मालूम हो कि तीन दिन तक चलने वाला यह कार्यक्रम आज शाम पांच बजे से शुरु हो रहा है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
आज की सुनवाई के दौरान ओजस्वी पार्टी के मुकेश जैन एनजीटी में पहुंच गए और कार्यक्रम का विरोध करने लगे। कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए ओजस्वी पार्टी को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि कोर्ट की प्रक्रिया में बाधा डालने पर उनके खिलाफ क्यों न कार्यवाई की जाए।
आर्ट ऑफ लिविंग के प्रवक्ता दिनेश घौड़के ने ‘अमर उजाला’ को बताया कि महोत्सव में किसी भी देश के राष्ट्राध्यक्ष नहीं आ रहे हैं। अभी तक नेपाल के उप प्रधानमंत्री ने आने की स्वीकृति दी है, जबकि पाक के पूर्व प्रधानमंत्री यूसूफ रजा गिलानी ने न तो आने और न ही नहीं आने के बारे में सूचना दी है। उन्होंने कई देशों के उन नेताओं के आने के बारे में बताया जो अब सत्ता में नहीं हैं।
श्रीश्री रविशंकर ने महोत्सव के समापन समारोह में देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को आमंत्रित किया था, लेकिन वह तो महोत्सव शुरू होने से कई दिन पहले ही आने से मना कर चुके है। जिसे एनजीटी में चल रहे विवाद का कारण माना जा रहा है।
आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्रीश्री रवि शंकर एवं कार्यक्रम में आने वाले अतिथियों के बैठने के लिए एक अन्य मंच बनाया जाएगा। वह मुख्य मंच पर विचार रखने के लिए ही आएंगे।
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का शुक्रवार की शाम उद्घाटन होगा। इसके बाद विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी। इसके अलावा विभिन्न प्रमुख हस्तियां यहां से लोगों को संदेश देंगे।
इसी तरह शनिवार व रविवार की शाम को कार्यक्रमों का आयोजन होने के बीच संदेश दिए जाएंगे। मगर इन दोनों दिन सुबह ध्यान व योग का आयोजन होगा। सुबह छह बजे से साढ़े सात बजे तक लोगों को कुर्सी पर ही योग और ध्यान कराया जाएगा, क्योंकि समस्त कार्यक्रम स्थल पर कुर्सी लगा दी गई है।
महोत्सव में सुरक्षा की दृष्टि से कुछ हाईटेक उपकरण इस्तेमाल करने का दावा किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे एसपी सिन्हा का कहना है कि सभी प्रवेश द्वार पर कुछ मेटल डिटेक्टर लगाए जा रहे हैं जैसे प्रधानमंत्री कार्यालय और एयरपोर्ट में उपयोग किए जाते हैं।
सके अलावा पूरे आयोजन स्थल पर नजर रखने के लिए 170 सीसीटीवी लगाए गए हैं और सुरक्षाबलों की मदद के लिए पांच हजार स्वयंसेवक तैनात किए हैं इनको किसी भी आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ से ट्रेनिंग दिलवाई गई है।