प्रदेश के आयुष कॉलेजों में हुए फर्जी दाखिलों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। इस मामले में आयुर्वेद निदेशक एसएन सिंह की तहरीर पर राजधानी की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया था। बाद में शासन ने एसटीएफ को जांच सौंपी गयी थी, जिसने एसएन सिंह समेत 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
सूत्रों के मुताबिक ईडी ने हजरतगंज कोतवाली में दर्ज एफआईआर के आधार पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ईडी की इंटेलिजेंस विंग बीते मई माह से इस फर्जीवाड़े के बारे में जानकारी जुटा रही थी। जल्द ही ईडी सभी आरोपियों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब करने की तैयारी में है।
साथ ही, उनकी संपत्तियों को भी चिन्हित कर जब्त किया जाएगा। बता दें कि एसटीएफ इस मामले में अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल कर चुकी है। वहीं मुख्य आरोपियों में शामिल एसएन सिंह को सत्र न्यायालय से जमानत मिल चुकी है।
23 कॉलेजों में हुए 10 से ज्यादा फर्जी दाखिले
बताते चलें कि एसटीएफ की जांच में प्रदेश के 50 से अधिक आयुष कॉलेजों में करीब 850 फर्जी दाखिले होने की पुष्टि हुई है। इनमें से 23 कॉलेजों में 10 से ज्यादा दाखिले हुए थे। सर्वाधिक 76 दाखिले करने वाले संतुष्टि मेडिकल कॉलेज की संचालक डॉ. रितु गर्ग को एसटीएफ ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था, हालांकि उन्हें भी जमानत मिल चुकी है।
सीबीआई जांच भी नहीं हुई शुरू
हाईकोर्ट ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था, हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्थगन आदेश जारी कर दिया। इसी वजह से सीबीआई ने आगे कदम नहीं बढ़ाया। वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले की दोबारा सुनवाई नहीं हुई है।