2019 के लोकसभा चुनावों के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना रुख साफ़ कर दिया है, उन्होंने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा एक साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगी. एक न्यूज़ चैनल से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों की पहली प्रार्थमिकता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को हराना है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने पहली बार गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बसपा के साथ गठबंधन के लिए पर्दे के पीछे हुई जोड़ तोड़ की कहानी बताते हुए कहा कि पार्टी नेता गठबंधन चाहते थे, साथ ही काडर और वोटर भी दोनों पार्टियों के गठबंधन के पक्ष में थे. उन्होंने कहा, ‘पहले बात बैक चैनल के जरिए ही शुरू हुई और फिर मैंने मायावतीजी से फोन पर बात की. फिर हमने कांग्रेस के निमंत्रण पर दिल्ली में बैठक के दौरान एक साथ एक ही टेबल पर खाना खाया, जहां बहुत सारी बातें हुईं, जिसको बताना जरूरी नहीं है. क्योंकि बीजेपी बहुत ही होशियार पार्टी है.’
अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ पर भी तंज कसा, जिन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अखिलेश की जगह ली थी. उन्होंने कहा, ‘यूपी की जनता ने उनको वोट नहीं दिया था. लोगों ने नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट दिया था. प्रधानमंत्री को चाहिए था कि वे सूबे को एक अच्छा मुख्यमंत्री देते. यूपी में कहीं न्याय नहीं हो रहा. योगीजी ज्यादातर धार्मिक क्रियाकलापों नजर आते हैं. वे एक अच्छे साधु हो सकते हैं, लेकिन अच्छे मुख्यमंत्री नहीं हैं.’
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