.अफ्रीकन देश गांबिया आज ही के दिन यानी की 18 फरवरी, 1965 को आजाद हुआ था। ब्रिटिश शासन का अंत होने के बाद देश के पहले पीएम दावदा कैरबा जावारा बने। दावदा लगातार पांच बार देश के पीएम रहे। लेकिन, याह्या जामेह ने 1994 में फौजी विद्रोह कर दावदा को सत्ता से बेदखल कर दिया और खुद देश के राष्ट्रपति बन गए। इसके बाद जामेह लगातार 22 साल तक गांबिया के प्रेसिडेंट रहे। हाल ही में उन्हें पांच देशों की सेनाओं के दबाव के चलते पद छोड़कर देश से भागना पड़ गया।

लड़कियों के अंडरगार्मेंट्स पहनने पर लगाई थी रोक…
जामेह अपने कार्यकाल के दौरान विवादित बयानों और ऊटपटांग बैन को लेकर भी काफी चर्चा में रहे। जामेह ने 2015 में लड़कियों के अंडरगार्मेंट्स पहनने पर रोक लगा दी थी। उनका तर्क था कि इससे लड़कियों को मां बनने में मुश्किलें आती हैं। हालांकि, उनके इस बैन की बात देश की जनता के गले नहीं उतरी और बैन का असर देश में रत्ती भर भी दिखाई नहीं दिया था। जामेह ने 1994 से ब्लीचिंग क्रीम पर भी बैन लगा रखा था। उनका मानना था कि इससे कई तरह की बीमारियां पैदा होती हैं। जामेह पश्चिमी देशों के ब्यूटी प्रोडक्ट्स के भी खिलाफ थे। उनका कहना था कि अल्लाह ने लड़कियों को जैसा बनाया है, उन्हें वैसा ही रहना चाहिए।जामेह का दावा था कि उनके पास एड्स का अचूक इलाज है। वे अपने नाम के आगे डॉ. भी लगाया करते थे। इस्लाम के कट्टर समर्थक जामेह एड्स और दमे के मरीजों का का झाड़-फूंक कर इलाज करते थे।
जीते हुए प्रेसिडेंट को दूसरे देश में लेनी पड़ी शपथ
लगातार चार बार प्रेसिडेंट रह चुके जामेह पिछले साल दिसंबर में हुए चुनाव में हार गए थे। लेकिन, चुनाव हारने के बाद भी जामेह ने प्रेसिडेंट का पद छोड़ने से साफ मना कर दिया था। उन्होंने देश में तीन महीने के लिए इमर्जेंसी लगाकर अपना कार्यकाल 90 दिन बढ़ा लिया था। जामेह के डर के चलते जीते हुए उम्मीदवार अडामा बैरो को भागकर पड़ोसी देश सेनेगल जाना पड़ा था। जामेह का कार्यकाल खत्म होने के बाद अडामा बैरो ने सेनेगल में ही गांबिया के दूतावास में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।
लगातार चार बार प्रेसिडेंट रह चुके जामेह पिछले साल दिसंबर में हुए चुनाव में हार गए थे। लेकिन, चुनाव हारने के बाद भी जामेह ने प्रेसिडेंट का पद छोड़ने से साफ मना कर दिया था। उन्होंने देश में तीन महीने के लिए इमर्जेंसी लगाकर अपना कार्यकाल 90 दिन बढ़ा लिया था। जामेह के डर के चलते जीते हुए उम्मीदवार अडामा बैरो को भागकर पड़ोसी देश सेनेगल जाना पड़ा था। जामेह का कार्यकाल खत्म होने के बाद अडामा बैरो ने सेनेगल में ही गांबिया के दूतावास में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।
एक लड़की ने अपनी सहेली से कहा मेरे पति संग सेक्स करो वरना…
अफ्रीकी देशों ने दी थी धमकी
अफ्रीकी देशों के संगठन इकोवास ने जामेह को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने पद नहीं छोड़ा तो वह अपनी सेनाएं भेज कर जबरन उन्हें पद से हटा देंगे। जामेह ने पद नहीं छोड़ा तो नाईजीरिया और सेनेगल सहित पांच देशों की सेनाएं गांबिया भी पहुंच गईं थीं। गांबिया के सेना अध्यक्ष ने पहले जामेह का समर्थन किया, लेकिन बाद में तटस्थ रहने का फैसला किया और जामेह को देश छोड़कर भागना पड़ा। जामेह ने अफ्रीकन देश गिनी में शरण ली है।
अफ्रीकी देशों के संगठन इकोवास ने जामेह को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने पद नहीं छोड़ा तो वह अपनी सेनाएं भेज कर जबरन उन्हें पद से हटा देंगे। जामेह ने पद नहीं छोड़ा तो नाईजीरिया और सेनेगल सहित पांच देशों की सेनाएं गांबिया भी पहुंच गईं थीं। गांबिया के सेना अध्यक्ष ने पहले जामेह का समर्थन किया, लेकिन बाद में तटस्थ रहने का फैसला किया और जामेह को देश छोड़कर भागना पड़ा। जामेह ने अफ्रीकन देश गिनी में शरण ली है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal