दिल्ली के विकासपुरी थाने की पुलिस टीम ने एक ऐसे कुख्यात गैंग का पर्दाफाश किया है, जिन्होंने वेस्ट दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में सिलसिलेवार तरीके से लूट की वारदात को अंजाम देकर सनसनी फैला रखी थी. ये गैंग वारदात को अंजाम देने के लिए भी 220 cc की बाइक का इस्तेमाल करते थे और फिल्मी स्टाइल में लूटपाट को अंजाम देते थे.
इस गैंग को पकड़ने के लिए एसएचओ विकासपुरी के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी. इस टीम ने पहले पवन कुमार नाम के शख्स को पकड़ा और फिर उससे पूछताछ की. इसके बाद इस शख्स की निशानदेही पर पुलिस टीम ने छापा मारा और विपिन कुमार और उसके तीसरे साथी अवधेश कुमार को भी गिरफ्तार किया. विपिन कुमार पर पहले से स्नेचिंग, लूट आदि के 26 मामले चल रहे हैं. आरोपी पवन कुमार पर भी 18 मामले अभी चल रहे हैं. पुलिस के मुताबिक इन तीनों को मिलाकर 62 मामले अभी अलग-अलग थाना इलाकों में चल रहे हैं. साथ ही इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने अभी तक 20 मामले का पता लगा लिया है.
पुलिस के अनुसार यह गैंग चोरी की बाइक को वारदात के लिए इस्तेमाल करता था. खासकर यह लोग 220 CC की हाई स्पीड बाइक को वारदात के लिए इस्तेमाल करते थे. जिससे कि वारदात को अंजाम देने के बाद पल भर में ही मौके से फरार हो जाते थे. पुलिस का कहना है कि ये लोग अपने पास चाकू और कंट्री मेड पिस्टल भी रखते थे. वारदात के दौरान अगर कोई विरोध करता तो उसको डराने में यह लोग पीछे नहीं हटते थे.
पुलिस ने इनके पास से सात मोबाइल और चोरी की दो बाइक बरामद की है. बरामद मोटर साइकिल इन्होंने तिलक नगर और रनहोला थाना इलाके से चुराई थी. पूछताछ में पुलिस टीम को यह भी पता चला है कि ये लोग 200 सीसी की बाइक को टारगेट करके उसे चुराते थे, फिर उसी बाइक से रास्ते में स्नैचिंग लूट आदि की वारदात को अंजाम देते थे.
गिरफ्त में हथियारों के सौदागर
इधर द्वारका जिले की पुलिस टीम ने ईस्टर्न उत्तर प्रदेश से हथियार लाकर लोकल गैंगस्टर को देने और शादी पार्टी में हवाई फायरिंग करके टशन दिखाने वाले दो दोस्तों को गिरफ्तार किया है. डीसीपी द्वारका एंटो अल्फोंस ने बताया कि आरोपियों के पास से 5 पिस्टल और सात जिंदा कारतूस बरामद किए गए है.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम लक्ष्मण शर्मा (24) और सरताज (23) हैं. दोनों ही बदमाश फिलहाल उत्तम नगर इलाके में रह रहे थे. लेकिन सरताज अली उत्तर प्रदेश के हाथरस का और लक्ष्मण शर्मा बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला है. पूछताछ में पुलिस को इन बदमाशों ने बताया कि ये अपने हथियारों का इस्तेमाल सार्वजनिक रूप से लोगों को दिखाने और किसी फंक्शन में हवाई फायरिंग के लिए भी करते थे. साथ ही बदमाश इन हथियारों का उपयोग व्यापारियों को डरा धमका कर उनसे पैसे निकलवाने के लिए भी करना चाहते थे. ऐसा कर ये लोग इलाके में रंगदारी वसूलना चाहते थे.
बदमाशों इन अवैध हथियारों को ईस्ट उत्तर प्रदेश से लाकर इसे गौरी गैंग को देते थे, ताकि गौरी गैंग के बदमाशों की तरह ही इन बदमाशों का नाम भी क्राइम के क्षेत्र में बढ़ता जाए.
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