सांस थाम देने वाले मुकाबले को जीतकर भले ही दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार रोजर फेडरर ऑस्ट्रेलिया ओपन के सेमीफाइनल में पहुंच गए, लेकिन एकबार फिर उन्हें जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा।
ऑस्ट्रेलियन ओपन के क्वार्टरफाइनल में मंगलवार को 20 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर का सामना अमेरिका के टेनिस सैंडग्रीन से था।
छह बार के चैंपियन रोजर को टेनिस सैंडग्रीन पर 6-3, 2-6, 2-6, 7-6(8), 6-3 से संघर्षपूर्ण जीत मिली। 100वीं रैंक वाले सैंडग्रीन ने मैच में जुझारू खेल दिखाते हुए दुनिया के नंबर तीन खिलाड़ी फेडरर को 3 घंटे और 31 मिनट तक खेलने पर मजबूर किया।इस मैच को रोजर फेडरर के करियर के सबसे मुश्किल मुकाबलों में एक बताया गया, जहां 38 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने अनुभव से जीत दर्ज की।
एकल का दूसरा क्वार्टरफाइनल भी आज ही खेला गया, जहां दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने कनाडा के मिलोस राओनिक को 6-4, 6-3, 7-6(1) से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
अब सेमीफाइनल में जोकोविच का मुकाबला फेडरर से होगा। दोनों 50वीं बार आमने-सामने होंगे। ऐसे में एक बार फिर दोनों दिग्गजों के बीच सेमीफाइनल में कांटे की जंग देखने को मिल सकती है। 15वीं बार सेमीफाइनल में पहुंचने वाले फेडरर के लिए सातवीं बार इस टूर्नामेंट जीतना आसान नहीं होगा, क्योंकि वह टेनिस के खिलाफ क्वार्टरफाइनल मैच में भी अनफिट नजर आ रहे थे।
सांस थाम देने वाले मैच में जीत के बाद जब फेडरर ने कहा कि मैं जादू में भरोसा करता हूं। हो सकता है मैं यह मैच न जीतता और दो दिन बाद स्विट्जरलैंड में स्की कर रहा होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मैं आज जीत गया। दरअसल, तीसरे सेट में 0-3 से पीछे होने के बाद फेडरर ने मेडिकल टीम से मदद ली थी। उन्हें ग्रोइन महसूस होने लगी थी और डिफेंस में असफल हो रहे थे, इसलिए उन्होंने एक्स्ट्रा ट्रीटमेंट लिया।
7 बार मैच पॉइंट बचाने वाले स्विटजरलैंड के इस खिलाड़ी ने खुद को भाग्यशाली भी बताया। बकौल रोजर, ‘कभी कभी मैच जीतने के लिए आपको लकी होना पड़ता है। 7 बार मैच पॉइंट की बराबरी करना आसान नहीं है। मैंने आज काफी अच्छी सर्विस की, खासकर मैच के अंत में। मैं अभी यहां खड़ा हूं यही सबसे खुशी की बात है।
अपना 21वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने का सपना देख रहे फेडरर बड़े संघर्ष के बाद क्वार्टरफाइनल में पहुंचे थे। हंगरी के मार्टन फुकसोविक्स के खिलाफ पहला सेट गंवाने के बाद उन्होंने शानदार वापसी की थी और 4-6, 6-1, 6-2, 6-2 से जीत दर्ज करके 57वीं बार ग्रैंडस्लैम क्वॉर्टर फाइनल में प्रवेश किया था। दूसरी ओर सैंडग्रेन ने इटली के 12वें वरीय फैबियो फोगनिनी को 7-6 (7/5), 7-5, 6-7 (2/7), 6-4 से पराजित किया था।
सैंडग्रीन को दूसरी बार क्वार्टरफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। 28 वर्षीय सैंडग्रेन का नाम उनके परदादा के नाम पर रखा गया था। सैंग नाम से पुकारे जाने वाले टेनिस ने अपने परिवार के साथ पांच साल की उम्र में ही टेनिस रैकेट के साथ खेलना शुरू कर दिया था।
पिता की मौत के बाद वे टेनेसी विश्वविद्यालय में अपनी माँ और भाई के साथ खेलते थे। सैंडग्रीन अब तक किसी भी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में नहीं पहुंचे हैं। 2018 ऑस्ट्रेलिया ओपन में दक्षिण कोरिया के चूंग ह्यून के खिलाफ भी वह क्वार्टरफाइनल में हार गए थे।