जम्मू-कश्मीर के शोपियां से लापता सेना के एक जवान का पांच दिन बाद भी कोई पता नहीं चल पाया है. राइफलमैन शाकिर मंज़ूर अपने परिवार के साथ ईद मनाने के लिए जम्मू-कश्मीर गए थे. वह 2 अगस्त की शाम से लापता हैं. शाकिर 162 बटालियन का हिस्सा हैं. जवान की तलाश में शोपियां में आज सुबह सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान शुरू किया गया.
शोपियां इलाके में आज सुबह बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है. शोपियां के एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि सैनिकों और पुलिसकर्मियों की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है. आशंका है कि आतंकवादियों ने राइफलमैन का अपहरण कर लिया है. कुलगाम के पास उनकी जली हुई कार मिली है. शक है कि आतंकवादियों ने जवान का अपहरण कर लिया है.
सिपाही की जली हुई कार दक्षिण कश्मीर में रामभामा इलाके के पास मिली थी. घटना के तुरंत बाद शाकिर मंज़ूर के परिवार ने अपील जारी की कि उसे नुकसान न पहुंचाया जाए. यह पहली बार नहीं है कि कश्मीर में अपने घर गए जवानों को आतंकवादियों ने निशाना बनाया है. पिछले कुछ सालों में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं.
मई 2017 में आतंकवादियों ने एक युवा, सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का अपहरण कर लिया, जब वह शोपियां में एक पारिवारिक शादी में भाग ले रहे थे. अगले दिन उनकी लाश मिली थी. इसी तरह एक और सैनिक औरंगजेब को 2018 में उस समय अगवा कर लिया गया था जब वह अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए पुंछ जा रहे थे.
फिलहाल, 2 अगस्त से लापता सेना के राइफलमैन शाकिर मंजूर को ढूंढने की कोशिश जारी है. शोपियां के अलावा आस-पास के इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इसके अलावा सेना आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करके शाकिर मंजूर का लोकेशन पता करने की कोशिश कर रही है.