भारत 19 फरवरी से विशाखापत्तनम में मेगा नौसैनिक युद्धाभ्यास मिलन की मेजबानी करेगा। इस युद्धाभ्यास में 50 देशों की नौसेनाओं के शामिल होने की संभावना है। मिलन द्विवार्षिक बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास है। यह 1995 में भारत की लुक ईस्ट की नीति के तहत इंडोनेशिया सिंगापुर श्रीलंका और थाईलैंड की भागीदारी के साथ शुरू हुआ था। अभ्यास में दो चरण हार्बर चरण और समुद्री चरण होंगे।
लाल सागर में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं और अस्थिर भूराजनीतिक माहौल के बीच भारत 19 फरवरी से विशाखापत्तनम में मेगा नौसैनिक युद्धाभ्यास “मिलन” की मेजबानी करेगा। इस युद्धाभ्यास में 50 देशों की नौसेनाओं के शामिल होने की संभावना है। मिलन द्विवार्षिक बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास है। यह 1995 में भारत की “लुक ईस्ट” की नीति के तहत इंडोनेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड की भागीदारी के साथ शुरू हुआ था।
इन देशों की नौसेनाएं लेंगी भाग
अधिकारियों ने बताया कि 19 से 27 फरवरी तक विशाखापत्तनम में प्रस्तावित युद्धाभ्यास ‘मिलन’ में अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों की नौसेनाएं भाग लेंगी। अभ्यास में दो चरण ‘हार्बर चरण’ और ‘समुद्री चरण’ होंगे।
सेमिनार और प्रदर्शनी का भी होगा आयोजन
हार्बर चरण में संस्कृतियों को साझा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री सेमिनार, अंतरराष्ट्रीय शहर परेड, समुद्री प्रदर्शनी और विभिन्न खेल कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वहीं, समुद्री चरण में भारतीय नौसेना के विमान व अन्य इकाइयां मित्र देशों के विमानों व जहाजों के साथ भाग लेंगे। इसमें बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास, उन्नत वायु रक्षा अभियान, पनडुब्बी रोधी युद्ध और सतह रोधी आपरेशन किए जाएंगे।
भारत की प्रतिबद्धता का है प्रदर्शन
मिलन अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग और सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन है।
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