17 साल बाद एक सत्र में 35 बिल पास ,राज्यसभा ने रचा इतिहास

संसद का उपरी सदन यानि राज्यसभा ने कामकाज के मामले मेैं इस सत्र में रिकार्ड कायम कर दुया है। राज्यसभा का यह 249वां सत्र था जिसे आज यानि बुधवार को सभापति ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारपंरिक संबोधन में बोले कि बीते 17 साल में सबसे ज्यादा विधायी कामकाज तथा सबसे ज्यादा मीटिंगस इस सत्र में हुईं। इस सत्र के दौरान सदन ने तीन तालाक को खत्म करने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने वाले विधेयक को पारित किया।

सभापति के संबोधन के दौरान पीएम मोदी भी सदन में उपस्थित थे। लोकसभा चुनाव के बाद राज्यसभा का यह पहला सत्र था और इस दौरान 2019-20 का आम बजट, राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव, तीन तलाक संबंधी विधेयक, आरटीआई कानून में संशोधन संबंधी बिल, अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म करने संबंधी संकल्प, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल समेत कुल 32 बिल पास किए गए। जो एक रिकार्ड है। सत्र के दौरान जहां कई नए सदस्यों ने राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली वहीं सपा और कांग्रेस के कई सदस्यों ने इस्तीफा भी दिया।

इन सदस्यों में सपा के नीरज शेखर, संजय सेठ और सुरेंद्र नागर तथा कांग्रेस के संजय सिंह और भुवनेश्वर कालिता जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं। उच्च सदन में बुधवार को यानि आज पूर्व विदेश मंत्री और राज्यसभा की पूर्व सदस्या सुषमा स्वराज के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी तथा उनके योगदान को याद किया गया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सुषमा उन्हें प्रत्येक वर्ष राखी बांधने आती थीं किंतु इस बार वह रक्षाबंधन पर नहीं आ पाएंगी जिसका उन्हें दुःख है।

बैठक शुरू होते ही सभापति नायडू ने सदन को स्वराज के निधन की बात देते हुए बताया कि, नियति ने उन्हें हमारे मध्य से उठा लिया। नायडू ने बताया कि वह तीन बार अप्रैल 1990 से अप्रैल 1996, फिर अप्रैल 2000 से अप्रैल 2006 और उसके बाद अप्रैल 2006 से मई 2009 तक उच्च सदन की सदस्या रहीं थीं। गौरतलब है कि कल रात सुषमा स्वराज का हर्ट अ़टैक से निधन हो गया था।

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