भारत की अंधविश्वाश भरी निति से सभी वाकिफ हैं, टोना-टोटका , बाबा, तांत्रिक ये सब इंडिया की नस-नस में समाया है. इसी सिलसिले को आगे बढाते हुए एक और बड़ी खबर आपके सामने लाने जा रहे हैं. ऐसी तो कई खबरें आपने सुनी होंगी लेकिन एक और ऐसी ही बात बताने जा रहे हैं हम आपको. वैसे तो देश आगे बढ़ चुका है लेकिन कई जगह ऐसी भी हैं जहां पर अंधविश्वास आज भी कायम है.
आज भी देश के कई ऐसे में गांव हैं, जो भारत की बढ़ती नई पहचान से अछूते हैं. गांवों में आज भी वहीं रूढी़वादी परंपरा देखने को मिल रही है. गांव के लोग आज भी आत्मा और जादू टोनों पर अपना अंधा विश्वास कर रहे हैं. ऐसा ही एक और अंधविश्वास का खेल आज कोटा एमबीएस अस्पताल में देखने को मिला. एमबीएस अस्पताल के सोनाग्राफी सेन्टर में कुछ लोग आए और वहां पर तांत्रिक क्रिया करने लगे. ऐसे में उनको अस्पताल प्रशासन की तरफ से भी रोका गया, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और अपना अंधविशवास का खेल खेलते रहे.
ये बातें सुनकर आपको हैरानी होगी, इस बारे में परिजनों का कहना है कि 15 साल पहले उनके परिवार में रहने वाले हरिराम की अस्पताल में बीमारी से मौत हो गई थी. उसके बाद भी मृतक की आत्मा परिजनों को परेशान कर रही थी. ऐसे में बूंदी जिले के छोटे से गांव से कुछ लोग आए औ पूरे रीति रिवाज के साथ सोनोग्राफी सेन्टर में तांत्रिक क्रिया की और एक जोत में मृतक की आत्मा ले जाने का दावा किया.